प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत ऋण राशि बढ़ाकर 20 लाख रुपये की गई
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (DFS) ने देश में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत एक नई ‘तरुण प्लस’ श्रेणी बनाई है।
नई श्रेणी के तहत, 10 लाख रुपये से लेकर 20 लाख रुपये तक के ऋण उन उद्यमियों को दिए जाएंगे जिन्होंने अपने “तरुण” श्रेणी के ऋण चुका दिए हैं।
यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बजट घोषणा के अनुरूप है।
वित्तीय सेवा विभाग ने यह भी घोषणा की है कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 20 लाख रुपये तक के ऋणों के लिए गारंटी कवरेज अब माइक्रो यूनिट्स के लिए क्रेडिट गारंटी फंड (CGFMU) के अंतर्गत आएगा।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के बारे में
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत 8 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने की थी। इसका उद्देश्य नॉन-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु एवं सूक्ष्म उद्यमियों को आय सृजन गतिविधियों के लिए कोलेटरल-फ्री/थर्ड पार्टी फ्री सूक्ष्म ऋण उपलब्ध कराना है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 20 लाख रुपये (पहले 10 लाख रुपये) तक के मुद्रा ऋण प्रदान किये जाते हैं।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण सदस्य ऋण संस्थानों (Member Lending Institutions) यानी बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs), सूक्ष्म वित्त संस्थानों और अन्य वित्तीय मध्यस्थों द्वारा प्रदान किए जाते हैं।
मुद्रा योजना के अंतर्गत ‘शिशु’, ‘किशोर’, ‘तरुण’ और अब ‘तरुण प्लस’ श्रेणी के तहत ऋण दिए जाते हैं, जो लाभार्थी सूक्ष्म इकाई/उद्यमी की वृद्धि/विकास के चरण और वित्तपोषण आवश्यकताओं को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 24 नवंबर 2023 तक स्वीकृत कुल 44.46 करोड़ ऋणों में से 30.64 करोड़ (69 प्रतिशत) महिलाओं को स्वीकृत किए गए हैं।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से मिलने वाले सूक्ष्म ऋण ने महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित किया, उनकी आय और रोजगार क्षमता को बढ़ाया और इस तरह उन्हें वित्तीय, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक रूप से सशक्त बनाया।