जीवित प्राणी प्रजातियां (रिपोर्टिंग और पंजीकरण) नियम, 2024

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने जीवित प्राणी प्रजातियां (रिपोर्टिंग और पंजीकरण) नियम, 2024 (Living Animal Species (Reporting and Registration) Rules, 2024) को 28 फरवरी को अधिसूचित किये

गौरतलब है कि वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 जंगली जानवरों और वनस्पतियों की अलग-अलग प्रजातियों की सुरक्षा, उनके हैबिटेट के प्रबंधन और जंगली जानवरों के अलग-अलग हिस्सों से प्राप्त उत्पादों के व्यापार के रेगुलेशन और नियंत्रण के लिए कानूनी फ्रेमवर्क प्रदान करता है।

वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 को 2022 में संशोधित किया गया था। वन्य जीवन (संरक्षण) संशोधन अधिनियम, 2022 एक अप्रैल 2023 से लागू हो गया है।

अधिनियम की धारा 49 M किसी व्यक्ति के पास ऐसे जानवरों के कब्जे में रखने, ट्रांसफर और जन्म के पंजीकरण और रिपोर्टिंग तथा जीवित शैडूल्ड जानवरों की प्रजातियों की मृत्यु की रिपोर्टिंग का प्रावधान करती है जो CITES के परिशिष्टों में सूचीबद्ध हैं और वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची IV में सूचीबद्ध हैं।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इस उद्देश्य के लिए 28 फरवरी 2024 धारा 49 M से जुड़े जीवित प्राणी प्रजातियां (रिपोर्टिंग और पंजीकरण) नियम, 2024 को अधिसूचित किया है।

परिशिष्ट या अनुसूची में लिस्टेड जानवरों को रखने के लिए इन नियमों के शुरू होने की तारीख से छह महीने की अवधि के भीतर संबंधित राज्य में मुख्य वन्य जीव वार्डन के पास पंजीकरण के लिए आवेदन करना आवश्यक है।

इसके अलावा, प्रजातियों को किसी अन्य ट्रांसफर करने के लिए भी रिपोर्टिंग और पंजीकरण का प्रावधान किया गया है। यदि अपने कब्जे में रखे ऐसे जनवरी की मृत्यु हो जाती है, तो इसकी भी रिपोर्ट मुख्य वन्य जीवन वार्डन को परिवेश 2.0 पोर्टल के माध्यम से करनी होगी।

ये नियम अन्य वन्यजीवों पर लागू नहीं होते हैं जो पहले से ही वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित हैं और उन्हें कैप्टिविटी में नहीं रखा जा सकता है।

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