केरल सरकार ने मंदिरों में ओलियंडर के फूल चढ़ाने पर प्रतिबंध लगाया
केरल सरकार द्वारा नियंत्रित दो देवस्थानम बोर्डों ने मंदिरों में ओलियंडर के फूलों को चढ़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। 24 वर्षीय एक महिला की गलती से ओलियंडर (oleander) की कुछ पत्तियां चबाने (ओलियंडर पॉइज़निंग) के बाद मृत्यु हो गई थी।
नेरियम ओलियंडर (आमतौर पर ओलियंडर या रोज़बे के नाम से जाना जाता है) एक पौधा है जिसकी खेती दुनिया भर में उष्णकटिबंधीय, उपोष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण क्षेत्रों में की जाती है।
यह अपनी सूखा सहिष्णु क्षमता के लिए जाना जाता है। इस प्लांट का उपयोग अक्सर सजावटी और भूनिर्माण उद्देश्यों के लिए किया जाता है। केरल में, इस पौधे को अराली और कनाविरम के नाम से जाना जाता है, और इसे राजमार्गों और समुद्र तटों पर प्राकृतिक, हरे बाड़ के रूप में उगाया जाता है।
आयुर्वेदिक फार्माकोपिया ऑफ इंडिया (API) में ओलियंडर का उल्लेख है। API के अनुसार, इसकी जड़ की छाल से तैयार तेल का उपयोग त्वचा रोगों के इलाज के लिए किया जा सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, नेरियम ओलियंडर में अत्यधिक जहरीले रसायन होते हैं और यह सीधे हृदय पर असर करता है। इसमें ओलियंड्रिन, नेरीइन और डिजिटोक्सिजेनिन इत्यादि होते हैं, जिनमें से ओलियंड्रिन प्रमुख विष है। इसमें हृदय विष होता है इसलिए इसका प्रभाव तुरंत हृदय पर होता है।