UN वाटर कन्वेंशन में आइवरी कोस्ट शामिल हुआ
आइवरी कोस्ट संयुक्त राष्ट्र वाटर कन्वेंशन में शामिल हो गया है। ऐसा करने वाला वह 10वाँ अफ्रीकी देश है। यह अब 1992 के संयुक्त राष्ट्र जल कन्वेंशन का 53वाँ पक्षकार (देश) है।
UN वाटर कन्वेंशन को “ट्रांसबाउंड्री जलमार्गों और अंतर्राष्ट्रीय झीलों के संरक्षण और उपयोग पर कन्वेंशन” (Convention on the Protection and Use of Transboundary Watercourses and International Lakes) के रूप में भी जाना जाता है।
ट्रांसबाउंड्री जलमार्गों और अंतर्राष्ट्रीय झीलों के संरक्षण और उपयोग पर कन्वेंशन (वाटर कन्वेंशन) 1992 में हेलसिंकी में अपनाया गया था और 1996 में लागू हुआ।
यह कन्वेंशन साझा जल संसाधनों के सस्टेनेबल मैनेजमेंट को बढ़ावा देने वाला कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि (legally binding) है।
वाटर कन्वेंशन के तहत पक्षकारों को ट्रांसबाउंड्री प्रभाव को रोकने, नियंत्रित करने और कम करने, ट्रांसबाउंड्री जल का उचित और न्यायसंगत तरीके से उपयोग करने और उनके सस्टेनेबल प्रबंधन को सुनिश्चित करने की आवश्यकता होती है।
यह कन्वेंशन मूल रूप से पैन-यूरोपीय क्षेत्र के लिए एक रीजनल फ्रेमवर्क था। संशोधन प्रक्रिया के बाद, मार्च 2016 से संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश इसमें शामिल हो सकते हैं।
भारत इस कन्वेंशन का पक्षकार नहीं है।