मिशन प्रारंभ: भारत के पहले निजी सबऑर्बिटल रॉकेट ‘विक्रम-S का सफल प्रक्षेपण

Image credit: ISRO

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 18 नवंबर, 2022 को भारत के पहले निजी सबऑर्बिटल रॉकेट ‘विक्रम-S (Vikram-suborbital : VKS) का सफल प्रक्षेपण कर इतिहास रच दिया।

स्काईरूट एयरोस्पेस प्राइवेट की के सबऑर्बिटल प्रक्षेपण यान विक्रम-एस का प्रक्षेपण सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से 18 नवंबर, 2022 को किया गया।

यह मिशन IN-SPACe द्वारा अधिकृत किया गया था। प्रक्षेपण योजना के अनुसार 155 सेकंड में लगभग 89.5 किमी की ऊंचाई पर पहुंच गया।

यह साउंडिंग रॉकेट अपने साथ अंतरिक्ष में कुल तीन पेलोड ले गया, जिसमें एक विदेशी ग्राहकों का भी था।

प्राइवेट रॉकेट विक्रम-S को हैदराबाद की एक स्टॉर्टअप कंपनी स्काईरूट एयरोस्पेस ने तैयार किया है।

देश के पहले प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस का वजन 500 से 550 किलोग्राम है। विक्रम-एस की लॉन्चिंग को इस बार सस्ता रखने की कोशिश की गई है। इसके लिए इसमें आम ईंधन की जगह LNG और लिक्विड ऑक्सीजन का इस्तेमाल किया गया है।

विक्रम-S एक एकल चरण ईंधन (सिंगल स्टेज फ्यूल) रॉकेट है जो अगले साल विक्रम-1 के प्रक्षेपण (लॉन्च) से पहले स्काईरूट एयरोस्पेस की परियोजना में अधिकांश प्रणालियों और प्रक्रियाओं का परीक्षण करेगा।

रॉकेट अधिकतम 81.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाता है और उसके बाद समुद्र में गिर जाता है तथा प्रक्षेपण की कुल अवधि लगभग 300 सेकंड ही होती है।

स्काईरूट अपने रॉकेट लॉन्च करने के लिए इसरो के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाला पहला स्टार्टअप था।

देश का पहला निजी प्रक्षेपण (लॉन्च) होने के अलावा यह स्काईरूट एयरोस्पेस का पहला मिशन भी है, जिसे “प्रारंभ” नाम दिया गया है।

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