‘द टर्मिनल’ फिल्म की प्रेरणा बने मेहरान करीमी नासेरी का फ्रांसीसी एयरपोर्ट पर निधन

ईरानी मूल के 76 वर्षीय मेहरान करीमी नासेरी (Mehran Karimi Nasseri), जो पेरिस के चार्ल्स डी गॉल हवाई अड्डे पर पिछले 18 साल रहे थे, की 12 नवंबर को हवाई अड्डे के टर्मिनल 2F में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। इस हवाई अड्डे को वे अपना घर कहते थे।

उनकी कहानी से प्रेरित होकर स्टीवन स्पीलबर्ग ने ‘द टर्मिनल’ फिल्म बनाई थी।

बता दें कि मेहरान नासेरी 1988 से 2006 तक हवाई अड्डे के टर्मिनल 1 में रहते थे। शुरुआत में वे कानून से लड़ रहे थे इसलिए एयरपोर्ट पर रहने को मजबूर थे क्योंकि उनके पास निवास के कागजात की कमी थी लेकिन बाद में अपनी पसंद से वहां रहना शुरू कर दिया।

नासेरी का जन्म 1945 में ईरान के एक हिस्से सुलेमान में हुआ था, जो तब ब्रिटिश अधिकार क्षेत्र में था। उनका जन्म ईरानी पिता और ब्रिटिश मां से हुआ था।

वर्ष 1974 में वे अध्ययन करने के लिए ईरान से इंग्लैंड चले गए। ब्रिटेन से लौटने पर उन्हें ईरान के शाह के खिलाफ विरोध करने के लिए कैद किया गया था और बिना पासपोर्ट के निष्कासित कर दिया गया था।

उन्होंने ब्रिटेन सहित यूरोप के कई देशों में राजनीतिक शरण के लिए आवेदन किया, लेकिन इसे ख़ारिज कर दिया गया। आखिरकार, बेल्जियम में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने उन्हें शरणार्थी प्रमाण-पत्र दिए। हालांकि नासेरी का कहना था की शरणार्थी प्रमाणपत्र वाला उनका ब्रीफ़केस पेरिस रेलवे स्टेशन पर चोरी हो गया था।

फ्रांसीसी पुलिस ने बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया, लेकिन उसे कहीं भी निर्वासित नहीं कर सकी क्योंकि उनके पास कोई आधिकारिक दस्तावेज नहीं था।

अंत में अगस्त 1988 से वे चार्ल्स डी गॉल हवाई अड्डे पर रहना शुरू कर दिया और इसे ही अपना स्थायी घर बना लिया जहां वे अपने मृत्यु तक रहे।

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