सल्फर कोटेड यूरिया (यूरिया गोल्ड) की शुरुआत
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने 3,68,676.7 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ किसानों के लिए नवीन योजनाओं के एक विशेष पैकेज को मंजूरी दी है।
यह पैकेज टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देकर किसानों के समग्र कल्याण और उनकी आर्थिक बेहतरी पर केंद्रित है .
मृदा में सल्फर की कमी को दूर करने और किसानों की इनपुट लागत को कम करने के लिए सल्फर कोटेड यूरिया (यूरिया गोल्ड/Urea Gold) की शुरुआत की गई।
देश में पहली बार सल्फर कोटेड यूरिया (यूरिया गोल्ड) की शुरुआत की गई है। यह वर्तमान में उपयोग होने वाले नीम कोटेड यूरिया से अधिक किफायती और बेहतर है।
यह देश में मिट्टी में सल्फर की कमी को दूर करेगा। यह किसानों की इनपुट लागत भी बचाएगा और उत्पादन एवं उत्पाददकता में वृद्धि के साथ किसानों की आय भी बढ़ाएगा।
सल्फर कोटेड यूरिया नाइट्रोजन को धीमी गति से जारी करने में मदद करता है, जिससे इसकी उपलब्धता और उपभोग बढ़ जाता है।
उर्वरक की दीर्घायु बढ़ाने के लिए गोल्ड यूरिया में ह्यूमिक एसिड मिलाया गया है। यह यूरिया की खपत को कम करेगा और उर्वरक के उपयोग को भी कम करेगा।
ऐसा कहा जाता है कि 15 किलोग्राम यूरिया गोल्ड 20 किलोग्राम पारंपरिक यूरिया के बराबर है। सल्फर लेपित यूरिया का उद्देश्य यूरिया के डायवर्सन को रोकना है