सहकारिता के क्षेत्र में विश्‍व की सबसे बड़ी अन्‍न भंडारण योजना

प्रधानमंत्री की अध्‍यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि और किसान कल्‍याण मंत्रालय; उपभोक्‍ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय तथा खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय की विभिन्‍न योजनाओं के तालमेल से ”सहकारिता के क्षेत्र में विश्‍व की सबसे बड़ी अन्‍न भंडारण योजना“ (World’s Largest Grain Storage Plan in Cooperative Sector) के लिए एक अंतर-मंत्रालयीय समिति (Inter-Ministerial Committee: IMC) के गठन को मंज़ूरी दी है।

सहकारिता के क्षेत्र में विश्‍व की सबसे बड़ी अन्‍न भंडारण योजना

योजना का प्रोफेशनल तरीके से समयबद्ध और एकरूपता के साथ कार्यान्‍वयन सुनिश्चित करने के लिए सहकारिता मंत्रालय देश के विभिन्‍न राज्‍यों/संघराज्‍य क्षेत्रों में कम से कम 10 चुने हुए जिलों में एक पायलट परियोजना चलाएगा।

यह पायलट प्रोजेक्ट, इस योजना की विभिन्‍न क्षेत्रीय आवश्‍यकताओं के संबंध में महत्‍वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा जिसे इस योजना के देशव्‍यापी कार्यान्‍वयन में शामिल किया जाएगा।

चुने गए ‘वायबल’ प्राथमि‍क कृषि क्रेडिट समितियों (Primary Agricultural Credit Societies: PACS) में कृषि और संबंधित उद्देश्यों के लिए गोदाम आदि के निर्माण के माध्यम से ‘सहकारिता क्षेत्र में विश्‍व की सबसे बड़ी अन्‍न भंडारण योजना‘ के लिए संबंधित मंत्रालयों की योजनाओं में तालमेल लाने और क्रियान्वयन के लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की अध्‍यक्षता में अंतर-मंत्रालयीय समिति (आईएमसी) का गठन किया जाएगा।

इस समिति में कृषि और किसान कल्‍याण मंत्री, उपभोक्‍ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री, खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्री और संबंधित मंत्रालयों के सचिव, सदस्‍य के रूप में शामिल होंगे।

मौजूदा योजना न केवल PACS के स्‍तर पर गोदामों के निर्माण द्वारा देश में भंडारण के इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमियों को दूर करेगी बल्कि PACS को कई अन्‍य कार्य करने के लिए भी सक्षम बनाएगी, जैसे:

-राज्‍य एजेंसियों/भारतीय खाद्य निगम (FCI) के लिए अनाजों की खरीद के रूप में कार्य करना;

-उचित दर दुकानों (FPS) के रूप में सेवा प्रदान करना;

-कस्‍टम हायरिंग सेंटर्स स्‍थापित करना;

-कॉमन प्रसंस्‍करण इकाइयां स्‍थापित करना आदि।

इस योजना के तहत कन्वर्जेंस के लिए निम्‍नलिखित योजनाएं चिह्नित की गई हैं:

(क) कृषि और किसान कल्‍याण मंत्रालय:

  1. कृषि अवसंरचना कोष (AIF),
  2. कृषि विपणन अवसंरचना योजना (AMI),
  3. एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH),
  4. कृषि यांत्रिकीकरण पर उपमिशन (SMAM)

(ख) खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय:

  1. प्रधानमंत्री सूक्ष्‍म खाद्य उद्यम उन्‍नयन योजना (PMFME),
  2. प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY)

(ग) उपभोक्‍ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय:

  1. राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत खाद्यान्‍नों का आवंटन,
  2. न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर खरीद

पैक्‍स के स्‍तर पर इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण और उसके आधुनिकीकरण से पर्याप्‍त भंडारण क्षमता निर्माण से खाद्यान्‍नों की बरबादी में कमी आएगी, देश की खाद्य सुरक्षा सशक्‍त होगी और किसानों को अपनी फसलों का बेहतर मूल्‍य प्राप्‍त होगा।

देश में लगभग 1,00,000 प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियां (पैक्‍स) हैं जिनके सदस्य देश के 13 करोड़ से भी अधिक किसान हैं।

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