एशियन किंग गिद्धों के लिए भारत के पहले संरक्षण और ब्रीडिंग केंद्र का उद्घाटन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 6 सितंबर को गोरखपुर वन प्रभाग के कैंपियरगंज रेंज के भारीवैसी में एशियन किंग गिद्धों (Asian King Vultures) के लिए भारत के पहले संरक्षण और प्रजनन केंद्र (conservation and breeding centre) का उद्घाटन किया।
इसे जटायु संरक्षण और प्रजनन केंद्र नाम दिया गया है।
इस केंद्र का उद्देश्य एशियन किंग गिद्ध प्रजाति की आबादी में सुधार करना है, जिसे 2007 से अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की लाल सूची में क्रिटिकली एंडेंजर्ड के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
भारत में पहले से ही लंबी चोंच वाले और सफेद पीठ वाले गिद्धों के लिए गिद्ध संरक्षण और प्रजनन केंद्र मौजूद हैं।
गोरखपुर केंद्र में छह गिद्ध (नर और मादा) लाए गए हैं। कार्य योजना के अनुसार, अगले 8 से 10 वर्षों में इस केंद्र से 40 जोड़े गिद्धों को छोड़ने का लक्ष्य है।
विशेषज्ञों का कहना है कि एशियन किंग गिद्ध अपने आश्रय स्थलों के खत्म होने और मवेशियों में डाइक्लोफेनाक (एक नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा) के अत्यधिक उपयोग के कारण खतरे में हैं। यह दवा गिद्धों के लिए जहरीला साबित होता है।
उत्तर प्रदेश में लाल सिर वाले गिद्ध बहुत कम देखे जाते हैं। 2023 में उन्हें चित्रकूट में देखा गया था। इस केंद्र में पहला गिद्ध 30 दिसंबर, 2022 को लाया गया था और बाद में एक और लाया गया।