भारत ने चौथी ‘द्विवार्षिक अपडेट रिपोर्ट (BUR-4)’ UNFCCC को प्रस्तुत किया
भारत ने अपनी चौथी द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट (Biennial Update Report: BUR-4) को संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) में 30 दिसंबर, 2024 को प्रस्तुत किया। यह रिपोर्ट भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं की प्रगति को रेखांकित करती है। यह थर्ड नेशनल कम्युनिकेशन (TNC) में अपडेट है और 2020 के लिए भारत की राष्ट्रीय ग्रीनहाउस गैस (GHG) इन्वेंटरी का व्यापक आकलन प्रस्तुत करती है।
BUR-4 के मुख्य बिंदु:
जीडीपी का उत्सर्जन तीव्रता:
- 2005 से 2020 के बीच भारत की जीडीपी की उत्सर्जन तीव्रता (GDP emissions intensity) में 36% की कमी आई, जो आर्थिक गतिविधियों में ऊर्जा दक्षता में महत्वपूर्ण सुधार को दर्शाती है।
- जीडीपी उत्सर्जन तीव्रता का अर्थ है आर्थिक उत्पादन की प्रति इकाई से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी।
- भारत 2030 तक अपनी राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) के तहत जीडीपी उत्सर्जन तीव्रता में 2005 के स्तर से 45% की कमी के लक्ष्य को प्राप्त करने की राह पर है, जैसा कि पेरिस समझौते के तहत प्रतिबद्ध है।
राष्ट्रीय GHG उत्सर्जन:
- 2020 में भारत का कुल GHG उत्सर्जन 2,959 मिलियन टन CO2 समतुल्य था।
- वनों और भूमि संसाधनों द्वारा अवशोषण को ध्यान में रखते हुए, नेट उत्सर्जन 2,437 मिलियन टन CO2 समतुल्य था।
- भूमि उपयोग, भूमि-उपयोग परिवर्तन, और वानिकी (LULUCF) सहित राष्ट्रीय उत्सर्जन में 2019 की तुलना में 7.93% की कमी आई, जो चुनौतियों के बावजूद हुई प्रगति को दर्शाता है।
नवीकरणीय ऊर्जा प्रगति:
- अक्टूबर 2024 तक, स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता का 46.52% गैर-जीवाश्म स्रोतों से था।
- कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता (बड़े जलविद्युत संयंत्र सहित) 203.22 गीगावाट तक पहुंच गई।
- 2014 में 35 गीगावाट से बढ़कर 2024 तक बड़े जलविद्युत संयंत्रों को छोड़कर नवीकरणीय क्षमता 4.5 गुना बढ़कर 156.25 गीगावाट हो गई।
वन और वृक्ष आवरण:
- भारत के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% अब वन और वृक्ष आवरण है।
- 2005 से 2021 के बीच, 2.29 बिलियन टन CO2 समतुल्य का अतिरिक्त कार्बन सिंक तैयार किया गया।
दीर्घकालिक उत्सर्जन ट्रेंड:
- 1994 से कुल उत्सर्जन में 98.34% की वृद्धि हुई है।
- जीडीपी उत्सर्जन तीव्रता में कमी और प्राकृतिक संसाधनों द्वारा अवशोषण में वृद्धि भारत की आर्थिक विकास और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के संतुलन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट (Biennial Update Report: BURs) के बारे में:
- BURs को UNFCCC के तहत नॉन-एनेक्स-I पक्षकारों (विकासशील देशों) के लिए अनिवार्य किया गया है।
- ये रिपोर्टें निम्नलिखित जानकारी प्रदान करती हैं:
- राष्ट्रीय GHG इंवेंटरी का अपडेट।
- शमन क्रियाओं, प्राप्त समर्थन, और विशिष्ट जलवायु प्रतिबद्धताओं का विवरण।
- प्रारंभिक BURs 2014 तक आवश्यक थीं, और इसके बाद की रिपोर्ट हर दो साल में प्रस्तुत की जाती हैं।