देश की पहली ग्रीन हाइड्रोजन-फ्यूल सेल बस

भारत की शीर्ष तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) ने 25 सितंबर को देश की पहली ग्रीन हाइड्रोजन-संचालित बस का अनावरण किया।

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री ने कर्तव्य पथ (नई दिल्ली) से पहली ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस (1st Green Hydrogen Fuel Cell Bus) को हरी झंडी दिखाई।

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) नवीकरणीय स्रोतों से बिजली का उपयोग करके पानी को विभाजित करके लगभग 75 किलोग्राम हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा। इस हाइड्रोजन का उपयोग दो बसों को बिजली देने के लिए किया जाएगा जो परीक्षण के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में चलेंगी।

फ्यूल सेल हाइड्रोजन

फ्यूल सेल हाइड्रोजन और वायु का उपयोग कर बस को चलाने के लिए बिजली उत्पन्न करता है और एकमात्र उप-उत्पाद पानी है, इसलिए यह डीजल और पेट्रोल पर चलने वाली पारंपरिक बसों की तुलना में संभवतः परिवहन का सबसे पर्यावरण अनुकूल साधन है।

तीन गुना ऊर्जा घनत्व होना और हानिकारक उत्सर्जन के बिना, हाइड्रोजन ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक स्वच्छ, अधिक कुशल विकल्प के रूप में उभरता है।

हाइड्रोजन, वर्ष 2070 तक नेट-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने की भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य में गेम चेंजर बनने के लिए तैयार है।

हाइड्रोजन ईंधन सेल स्वच्छ और कुशलतापूर्वक बिजली का उत्पादन करने के लिए हाइड्रोजन की रासायनिक ऊर्जा का उपयोग करता है। यदि हाइड्रोजन ईंधन है, तो एकमात्र उत्पाद बिजली, पानी और ऊष्मा हैं।

ईंधन सेल अपने संभावित उपयोगों की विविधता के मामले में यूनिक हैं।

ईंधन सेल बैटरी की तरह काम करते हैं, लेकिन वे ख़त्म नहीं होते हैं या उन्हें रिचार्ज करने की आवश्यकता नहीं होती है। जब तक ईंधन की आपूर्ति होती है तब तक वे बिजली और ऊष्मापैदा करते हैं।

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