प्रोजेक्ट कुशा: भारत की अपनी आयरन डोम प्रणाली
रक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाली भारतीय रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Acquisition Council) ने हाल ही में “प्रोजेक्ट कुशा” ( Project Kusha) के तहत भारतीय लॉन्ग-रेंज सरफेस-एयर मिसाइल (LR-SAM) प्रणाली की खरीद को मंजूरी दे दी है।
रक्षा मंत्रालय ने 21,700 करोड़ रुपये की लागत से भारतीय वायुसेना के लिए अपने पांच स्क्वाड्रन की खरीद के लिए एक्सेप्टेन्स ऑफ़ नेसेसिटी (AoN) दी। सुरक्षा पर कैबिनेट समिति द्वारा परियोजना को मंजूरी दिए जाने के बाद इस देश में कदम बढ़ा गया है ।
प्रोजेक्ट कुशा के बारे में
‘प्रोजेक्ट कुशा’ रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया जा रहा है।
यह लंबी दूरी पर क्रूज मिसाइलों, स्टील्थ फाइटर जेट और ड्रोन सहित दुश्मन के प्रोजेक्टाइल और कवच का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम होगा।
माना जाता है कि यह महत्वाकांक्षी परियोजना न केवल इजरायल की आयरन डोम प्रणाली (Iron Dome system) से बेहतर प्रदर्शन करेगी, बल्कि रूस की एस-400 ट्रायम्फ प्रणाली (S-400 Triumf system) और संयुक्त राज्य अमेरिका की ‘पैट्रियट’ प्रणाली (Patriot system) की प्रभावशीलता को भी टक्कर देती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह सिस्टम 350 किमी तक की दूरी पर आने वाले स्टील्थ लड़ाकू विमानों, विमानों, ड्रोनों, क्रूज मिसाइलों और सटीक-निर्देशित हथियारों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम होगा।
इस प्रणाली में लंबी दूरी की निगरानी और अग्नि नियंत्रण रडार के साथ-साथ इंटरसेप्टर मिसाइलें शामिल हैं जो 150 किमी, 200 किमी और 350 किमी की दूरी पर शत्रु लक्ष्यों का पता लगा सकती हैं और उन पर हमला कर सकती हैं।
नई प्रणाली की फायरिंग यूनिट्स IAF की एकीकृत वायु कमान और नियंत्रण प्रणाली (IACCS: integrated air command and control system) के साथ “इंटरैक्ट” कर सकती हैं।