विश्व व्यापार संगठन-आयात लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं पर समझौता (ILP)
हाल ही में, भारत ने पर्सनल कंप्यूटर, लैपटॉप और टैबलेट के आयात को सीमित करने के लिए विश्व व्यापार संगठन (WTO) के तहत आयात लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं पर समझौते (Agreement on Import Licensing Procedures: ILP) का उपयोग किया।
भारत सरकार के नए नियमों के तहत कंपनियों को आयात करने के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) से लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है। हालांकि इस अधिसूचना को फिलहाल टाल दिया गया है।
तीन साल पहले, 12 जून, 2020 को, भारत ने कारों, बसों, लॉरी, स्कूटर और मोटरसाइकिलों के लिए उपयोग किए जाने वाले वायवीय टायरों (pneumatic tires ) के आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए इसी समझौते का उपयोग किया था।
आयात लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं (ILP) पर समझौते के बारे में
उरुग्वे दौर के दौरान, ILP समझौते को विश्व व्यापार संगठन की स्थापना करने वाले मराकेश समझौते में शामिल किया गया और यह सभी WTO सदस्यों के लिए बाध्यकारी हो गया।
आयात लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं पर समझौते में कहा गया है कि आयात लाइसेंसिंग सरल, पारदर्शी और पूर्वानुमानित होनी चाहिए ताकि व्यापार में बाधक न बने।उदाहरण के लिए, समझौते के तहत सरकारों को व्यापारियों के लिए पर्याप्त जानकारी प्रकाशित करने की आवश्यकता है ताकि पता चल सके कि लाइसेंस कैसे और क्यों दिए जाते हैं।
ये प्रक्रियाएँ अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नीति में सरकारों द्वारा सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले गैर-प्रशुल्क उपायों (non-tariff measures: NTMs) में से हैं।
ILP समझौते का मुख्य उद्देश्य आयात लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं को सरल बनाना और पारदर्शिता लाना है।
यह समझौता कुछ उद्देश्यों के लिए आयात लाइसेंसिंग की उपयोगिता की अनुमति देता है, जिसमें GATT 1994 के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार अपनाए गए कुछ उपायों को प्रशासित करना शामिल है, लेकिन साथ ही, यह भी सुनिश्चित करता है कि आयात लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं के अनुचित उपयोग से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के सुचारू संचालन में बाधा नहीं पहुंचे।
यह यह सुनिश्चित करने का भी प्रयास करता है कि प्रक्रियाओं का कार्यान्वयन निष्पक्ष और न्यायसंगत तरीके से लागू किया जाए और आयात पर प्रतिबंधात्मक या विकृत प्रभाव न पड़े।