भारत “आर्टेमिस अकॉर्ड” में शामिल होगा

भारत ने सिविल स्पेस एक्सप्लोरेशन पर संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व वाले आर्टेमिस अकॉर्ड (Artemis Accord) में शामिल होने का निर्णय लिया है।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन या NASA और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अगले साल अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक संयुक्त मिशन लॉन्च करने पर भी सहमत हुए हैं।

आर्टेमिस अकॉर्ड (Artemis Accord)

1967 की आउटर स्पेस ट्रीटी पर आधारित, आर्टेमिस अकॉर्ड एक गैर-बाध्यकारी अंतर्राष्ट्रीय समझौता है, जिसे सिविल स्पेस एक्सप्लोरेशन और सस्टेनेबल उपयोग का मार्गदर्शन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

आर्टेमिस कार्यक्रम मानव को चंद्रमा पर वापस उतारने की नासा की पहल है, जिसमें इसका लक्ष्य पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह से पहली महिला और पहले अश्वेत व्यक्ति को चंद्रमा की सतह पर उतारना है।

आर्टेमिस अकॉर्ड की आवश्यकता इसलिए महसूस की गई क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में कई देशों और निजी कंपनियों ने चंद्रमा के आसपास मिशन और संचालन की संख्या में काफी वृद्धि की है।

आर्टेमिस अकॉर्ड का उद्देश्य संयुक्त राज्य अमेरिका और हस्ताक्षरकर्ता देशों द्वारा “बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग” के लिए प्रतिबद्धता को मजबूत करना है

नासा के अनुसार, आर्टेमिस अकॉर्ड उन सिद्धांतों को नियंत्रित करते हैं जो “बाहरी अंतरिक्ष में गतिविधियों के संचालन में सर्वोत्तम प्रथाओं” का वर्णन करते हैं।

इसका उद्देश्य स्पेस ऑपरेशन की सुरक्षा बढ़ाना, अनिश्चितता कम करना, और सभी मानव जाति के लिए अंतरिक्ष के सस्टेनेबल और लाभकारी उपयोग को बढ़ावा देना है।

आर्टेमिस अकॉर्ड प्रत्येक हस्ताक्षरकर्ता की सिविल अंतरिक्ष एजेंसियों द्वारा संचालित सभी सिविल अंतरिक्ष गतिविधियों पर लागू होता है। इनमें चंद्रमा, मंगल, धूमकेतु और क्षुद्रग्रह और अन्य खगोलीय पिंडों पर की गई गतिविधियां भी शामिल हैं।

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