अमेरिका के नेतृत्व वाली मिनरल्स सिक्योरिटी पार्टनरशिप (MSP) में शामिल हुआ भारत
भारत अब अमेरिका के नेतृत्व वाली खनिज सुरक्षा साझेदारी (Minerals Security Partnership: MSP) का सबसे नया भागीदार बन गया है।
प्रमुख तथ्य
मिनरल्स सिक्योरिटी पार्टनरशिप (MSP) क्रिटिकल खनिज सप्लाई चैन को मजबूत करने के लिए अमेरिका द्वारा आरम्भ एक वैश्विक पहल है। इसे क्रिटिकल मिनरल अलायन्स के रूप में भी जाना जाता है।
इसकी घोषणा जून 2022 में अमेरिका और अन्य प्रमुख भागीदार देशों द्वारा यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई थी कि क्रिटिकल मिनरल्स का उत्पादन, प्रोसेसिंग और रीसाइक्लिंग इस तरह से किया जाए जिससे देशों को उनकी अर्थव्यवस्थाओं के लिए क्रिटिकल खनिजों की निरंतरआपूर्ति सुरक्षित करने में मदद मिले।
इसका उद्देश्य दुनिया भर में क्रिटिकल खनिजों की आपूर्ति पर चीन की बर्चस्व को कमजोर करना भी है।
क्रिटिकल खनिजों में मुख्य रूप से कोबाल्ट, निकल, लिथियम और 17 “रेयर अर्थ” खनिजों जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
भारत की एप्सिलॉन कार्बन लिमिटेड ग्रीनफील्ड इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी घटक फैक्ट्री में 650 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी, जो अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी उद्योग में अब तक का सबसे बड़ा भारतीय निवेश होगा।
अन्य तथ्य
कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में विश्व का सबसे बड़ा कोबाल्ट उत्पादक देश है।
इंडोनेशिया विश्व में निकेल का सबसे बड़ा उत्पादक देश (मात्रा के हिसाब से) है।
चिली के पास दुनिया का सबसे बड़ा लिथियम भंडार है और यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। हार्ड रॉक खदानों से उत्पादन के साथ ऑस्ट्रेलिया दुनिया का सबसे बड़ा लिथियम आपूर्तिकर्ता है।