USA, फ्रांस और आर्मेनिया भारतीय मिलिट्री एक्सपोर्ट के शीर्ष तीन ग्राहक
स्वदेशी रक्षा उपकरणों के निर्यात को बढ़ाने के बढ़ते प्रयासों के बीच, संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया भारतीय सैन्य निर्यात (मिलिट्री एक्सपोर्ट) के शीर्ष तीन ग्राहक बनकर उभरे हैं।
समाचार रिपोर्टों के अनुसार, भारत वर्तमान में दुनिया भर के 100 से अधिक देशों को सैन्य उपकरण निर्यात कर रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष में इनमें शीर्ष तीन देशों में यू.एस., फ्रांस और आर्मेनिया शामिल हैं।
यू.एस. को निर्यात किए जाने वाले सैन्य उपकरणों में लॉकहीड मार्टिन और बोइंग जैसी रक्षा उद्योग की बड़ी कंपनियों के लिए भारतीय फर्मों द्वारा विमानों और हेलीकॉप्टरों के निर्मित महत्वपूर्ण हिस्से शामिल हैं।
फ्रांस को किये गए निर्यात में बहुत सारे सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल हैं, जबकि आर्मेनिया को निर्यात में ATAGS आर्टिलरी गन, पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम, स्वाथी हथियार लोकेटिंग रडार और अन्य महत्वपूर्ण सिस्टम शामिल हैं।
रक्षा औद्योगिक आधार 16 रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों, 430 लाइसेंस प्राप्त फर्मों और 16000 मध्यम और लघु उद्यमों की उपस्थिति के साथ विस्तार कर रहा है।
2014-15 से उत्पादन के मूल्य में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है।
भारतीय फर्मों ने 2014-15 में ₹46,429 करोड़ मूल्य के उपकरण का उत्पादन किया जो पिछले वित्त वर्ष में बढ़कर ₹1.27,265 करोड़ हो गया है। उत्पादन के इस मूल्य में निजी क्षेत्र का योगदान 21% है।
देश में उत्पादित प्रमुख रक्षा प्लेटफार्मों में एलसीए तेजस लड़ाकू जेट, विमान वाहक, युद्धपोत, पनडुब्बी, धनुष आर्टिलरी गन सिस्टम, मल्टी बैरल टैंक अर्जुन, उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम, उच्च गतिशीलता वाहन, आकाश मिसाइल प्रणाली आदि शामिल हैं।