सरकार ने स्क्वायर किलोमीटर एरे (SKA) में भारत की भागीदारी के लिए 1250 करोड़ रुपये की मंजूरी दी
भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय मेगा साइंस प्रोजेक्ट, स्क्वायर किलोमीटर एरे (Square Kilometer Array: SKA) में भारत की भागीदारी के लिए 1250 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की मंजूरी दी है।
इस परियोजना को परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा संयुक्त रूप से वित्त पोषित किया जाएगा।
SKA विभिन्न प्रकार के अत्याधुनिक साइंस टार्गेट्स को प्राप्त करने के लिए दुनिया के सबसे बड़े और सबसे संवेदनशील रेडियो टेलीस्कोप का निर्माण करने वाली एक अत्याधुनिक, मेगा साइंस इंटरनेशनल फैसिलिटी है।
इस मंजूरी के बाद, भारत स्क्वायर किलोमीटर एरे ऑब्जर्वेटरी (SKA Observatory: SKAO) का पूर्ण सदस्य बनने के लिए SKAO संधि पर हस्ताक्षर करेगा और इस प्रकार परियोजना में भाग लेने वाले देशों की बढ़ती सूची में शामिल हो जाएगा।
SKAO में भारत की सदस्यता न भारतीय उद्योग की बड़े पैमाने पर भागीदारी को सक्षम बनाएगी।
स्क्वायर किलोमीटर एरे ऑब्जर्वेटरी (SKAO)
स्क्वायर किलोमीटर एरे ऑब्जर्वेटरी (SKAO) दुनिया भर के देशों को एक साथ लाने वाला एक अंतरसरकारी संगठन है।
इसका मिशन ब्रह्मांड के बारे में हमारी समझ को बदलने के लिए अत्याधुनिक रेडियो दूरबीनों का निर्माण और संचालन करना और वैश्विक सहयोग और इनोवेशन के माध्यम से समाज को लाभ पहुंचाना है।
SKAO का ग्लोबल मुख्यालय यूनाइटेड किंगडम में है।
दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में बिना रेडियो व्यवधान वाले स्थानों पर SKA की दो टेलीस्कोप स्थापित होंगे।