भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस की पहली खेप सौंपी
भारत ने 19 अप्रैल को फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों (BrahMos supersonic cruise missiles ) की पहली खेप सौंपी। एक IAF C-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान और एक चार्टर्ड विमान ने मिसाइल प्रणाली को फिलीपींस मरीन कॉर्प्स तक पहुंचाया।
- जनवरी 2022 में, फिलीपींस ने ब्रह्मोस के तट-आधारित, एंटी-शिप संस्करण की तीन बैटरियों के लिए भारत के साथ 375 मिलियन डॉलर का सौदा किया, और इस तरह इस मिसाइल का पहला निर्यात ग्राहक बन गया।
- फिलीपींस, “फिलीपींस आधुनिकीकरण कार्यक्रम” के संशोधित सशस्त्र बलों के होराइजन 2 के तहत सिस्टम प्राप्त कर रहा है।
ब्रह्मोस
- ब्रह्मोस DRDO और रूस के एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया के बीच एक संयुक्त उद्यम है और मिसाइल का नाम ब्रह्मपुत्र और मोस्कवा नदियों से लिया गया है।
- यह मिसाइल जमीन, समुद्र, सब-सी यानी समुद्र के नीचे से और हवा से सतह और समुद्र-आधारित लक्ष्यों के खिलाफ लॉन्च करने में सक्षम है।
- इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों अंगों में शामिल कर दिया गया है। मिसाइल टेक्नोलॉजी कण्ट्रोल रेजीम (MTCR) के दायित्वों के अनुसार मिसाइल की मारक क्षमता मूल रूप से 290 किमी तय की गई थी।
- जून 2016 में इस क्लब में भारत के प्रवेश के बाद, इस मिसाइल के रेंज को बढाकर 450 किमी तक कर दिया गया है और इसे 600 किमी और उससे आगे तक बढ़ाने पर काम चल रहा है।
- एक मिसाइल जो मैक 1 और मैक 5 के बीच की गति से यात्रा कर सकती है उसे सुपरसोनिक माना जाता है।