वैश्विक पवन ऊर्जा दिवस: भारत में पवन ऊर्जा
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने 15 जून, 2023 को नयी दिल्ली में एक दिवसीय कार्यक्रम के आयोजन के माध्यम से 15 जून को वैश्विक पवन ऊर्जा दिवस (Global Wind Day) पर विश्वव्यापी उत्सव में शामिल हुआ।
भारत में पवन ऊर्जा
भारत में पवन ऊर्जा अपनाने में तेजी लाने के संभावित तरीकों पर चर्चा करने के लिए इस कार्यक्रम का केंद्रीय विषय ‘पवन-ऊर्जा: पावरिंग द फ्यूचर ऑफ इंडिया’ रखा गया था।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव ने कहा कि भारत सरकार वर्ष 2030 तक 500 गीगा वाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
उन्होंने पवन ऊर्जा क्षेत्र के विकास में सभी राज्यों के योगदान की सराहना की। सचिव ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान राजस्थान, गुजरात और तमिलनाडु राज्यों को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दी।
राजस्थान को उच्चतम पवन ऊर्जा क्षमता वृद्धि प्राप्त करने के लिए, गुजरात को ओपन एक्सेस के माध्यम से उच्चतम पवन क्षमता वृद्धि प्राप्त करने के लिए और तमिलनाडु को पवन टर्बाइनों को रिपावरिंग प्रदान करने की शुरुआत करने के लिए सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान द्वारा तैयार जमीनी स्तर से 150 मीटर ऊपर पवन एटलस लॉन्च को भी देखा गया।
देश की ऑनशोर पवन ऊर्जा क्षमता अब 1,164 गीगावाट होने का अनुमान है। भारत ने पिछले कुछ वर्षों में पवन ऊर्जा के उत्पादन में काफी प्रगति की है और अब यह दुनिया में पवन ऊर्जा क्षमता के मामले में चौथे स्थान पर है।
वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधनों से अपनी विद्युत शक्ति स्थापित क्षमता का 50 प्रतिशत प्राप्त करने और 2070 तक नेट जीरो प्राप्त करने के भारत के प्रयासों के लिए पवन ऊर्जा बहुत महत्वपूर्ण है।
भारत में ऑनशोर और ऑफशोर पवन ऊर्जा उत्पादन दोनों के लिए महत्वपूर्ण क्षमता है। सरकार के निरंतर प्रयासों से देश ने लगभग 15 गीगा वाट घरेलू पवन ऊर्जा क्षमता विकसित की है।