भारत में 2 Mbps की न्यूनतम डाउनलोड स्पीड को ब्रॉडबैंड माना जायेगा

संचार मंत्रालय ने 25 जनवरी को जारी एक अधिसूचना के माध्यम से ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की परिभाषा को संशोधित किया है। नयी परिभषा में 2 Mbps (प्रति सेकंड मेगाबिट्स) की न्यूनतम डाउनलोड स्पीड को ब्रॉडबैंड माना गया है। इससे पहले, जुलाई 2013 में दूरसंचार विभाग द्वारा अधिसूचित परिभाषा में 512 केबीपीएस (किलोबाइट प्रति सेकंड) की न्यूनतम डाउनलोड स्पीड को ब्रॉडबैंड माना गया था।

  • अधिसूचना के मुताबिक “ब्रॉडबैंड एक डेटा कनेक्शन है जो इंटरनेट एक्सेस सहित इंटरैक्टिव सेवाओं का समर्थन करने में सक्षम है और सेवा प्रदाता के पॉइंट्स ऑफ़ प्रेजेंट (POP) से एक व्यक्तिगत ग्राहक के लिए 2 Mbps की न्यूनतम डाउनलोड गति की क्षमता रखता है।”
  • भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने सितंबर 2021 में DoT को न्यूनतम ब्रॉडबैंड स्पीड को कम से कम 2 एमबीपीएस तक अपडेट करने की सिफारिश की थी। अब DoT ने सिफारिश को लागू कर दिया है।
  • बता दें कि भारत में औसत निश्चित ब्रॉडबैंड गति न्यूनतम 75.18 Mbps से अधिक है। भारत में औसत मोबाइल डाउनलोड गति 36.74 Mbpsऔसत मोबाइल डाउनलोड गति है।
  • एयरटेल की वेबसाइट के अनुसार 2 Mbps की न्यूनतम गति टेक्स्ट और ईमेल भेजने के लिए ही पर्याप्त है, और फिल्मों को स्ट्रीम करने या ओटीटी का उपयोग करने के लिए बहुत अधिक स्पीड की आवश्यकता होती है।
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