आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर “ब्लेचली घोषणा”

ब्रिटिश सरकार द्वारा लंदन में आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सुरक्षा शिखर सम्मेलन के पहले दिन भारत सहित 28 देशों ने “ब्लेचली घोषणा” (Bletchley declaration) पर हस्ताक्षर किए।

ब्लेचली डिक्लेरेशन

सभी देश AI सुरक्षा अनुसंधान पर एक साथ काम करने के लिए सहमत हुए।

लंदन के पास ब्लेचली पार्क द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कोड-ब्रेकर्स जगह के रूप में प्रसिद्ध हुआ था। यहीं पर जर्मन ‘एनिग्मा कोड’ को ब्रेक किया गया था, जिसने द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति को नजदीक ला दिया  था। संभवतः इस  प्रतीक को ध्यान में रखकर  दुनिया के पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सुरक्षा शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए चुना गया।

फ्रंटियर AI के बारे में

पहली बार विश्व के देश न केवल स्वतंत्र रूप से बल्कि सामूहिक रूप से फ्रंटियर AI  से संबंधित जोखिमों पर विचार करने के लिए सहमत हुए।

“फ्रंटियर AI ” को अत्यधिक सक्षम फाउंडेशन जेनरेटर AI मॉडल के रूप में परिभाषित किया गया है जिसमें खतरनाक क्षमताएं हो सकती हैं जो सार्वजनिक सुरक्षा के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकती हैं।

ब्लेचली घोषणा में  इस डर को स्वीकार किया गया है कि फ्रंटियर AI पर नियंत्रण के द्वारा जानबूझकर खतरे पैदा किये जा सकते हैं या अनजाने में ऐसे खतरे पैदा हो सकते हैं जिसकी अपेक्षा नहीं की गयी हो -विशेष रूप से साइबर सुरक्षा, जैव प्रौद्योगिकी और दुष्प्रचार से संबंधित जोखिमों के स्तर पर।   

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