भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता (IADD) ने गांधीनगर डिक्लेरेशन अपनाया

भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता ( India-Africa Defence Dialogue: IADD) 8 अक्टूबर, 2022 को गांधीनगर, गुजरात में DefExpo 2022 के मौके पर आयोजित की गई।

IADD के परिणाम

  • यह संवाद भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता (IADD) की मुख्य थीम ‘अडॉप्टिंग स्ट्रेटेजी फ़ॉर सिनरजाइज़िंग एंड स्ट्रेंथनिंग डिफेंस एंड सिक्योरिटी कोऑपरेशन’ के विभिन्न आयामों को सफलतापूर्वक सामने लाया।
  • कुल मिलाकर 20 रक्षा मंत्रियों, सात सीडीएस/सेवा प्रमुखों और आठ स्थायी सचिवों समेत पचास अफ्रीकी देशों ने रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्र में भारत-अफ्रीका संबंधों को उच्च प्राथमिकता देने के लिए इस संवाद में भाग लिया।
  • रक्षा मंत्री ने भारत-अफ्रीकी संबंधों को आर्थिक, राजनयिक और रक्षा क्षेत्रों को कवर करने वाले बहुआयामी संबंधों के रूप में व्यक्त किया उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत और अफ्रीका एक मजबूत साझेदारी साझा करते हैं, जो ‘सागर’ (SAGAR: Security and Growth for All in the Region) के सहकारी ढांचे पर आधारित है, जो कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ (विश्व एक परिवार है) के प्राचीन लोकाचार पर आधारित है।
  • उन्होंने कहा, “हम एक क्लाइंट या सेटेलाइट देश बनाने या बनने में विश्वास नहीं करते हैं, और इसलिए, जब हम किसी भी राष्ट्र के भागीदार होते हैं, तो यह संप्रभु समानता और आपसी सम्मान के आधार पर होता है। जब हम साझा आर्थिक विकास की दिशा में काम कर रहे हैं, तो संबंध बनने की प्रक्रिया भारत के साथ स्वाभाविक रूप से पाई जाती है।”

गांधीनगर डिक्लेरेशन (Gandhinagar Declaration)

  • गांधीनगर डिक्लेरेशन (Gandhinagar Declaration) को भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता (IADD) 2022 के आउटकम दस्तावेज के रूप में अपनाया गया।
  • इसमें प्रशिक्षण स्लॉट और प्रशिक्षण टीमों की प्रतिनियुक्ति, अफ्रीका के रक्षा बलों के सशक्तिकरण और क्षमता निर्माण, अभ्यास में भागीदारी तथा प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मानवीय सहायता द्वारा पारस्परिक हित के सभी क्षेत्रों में प्रशिक्षण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का प्रस्ताव है।
  • भारत ने मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस के माध्यम से अफ्रीकी देशों के विशेषज्ञों के लिए फेलोशिप की पेशकश की।
  • भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता (IADD) को लगातार रक्षा प्रदर्शनियों के दौरान द्विवार्षिक रूप से आयोजित करने के लिए संस्थागत स्वरूप दिया गया था।
  • यह अफ्रीकी देशों और भारत के बीच मौजूदा रक्षा साझेदारी का निर्माण करने तथा क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी क्षेत्रों सहित आपसी जुड़ाव के लिए अभिसरण के नए क्षेत्रों का पता लगाने का प्रयास करती है।
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