भारत UN मानवाधिकार परिषद में इजराइल के खिलाफ सकंल्प पर मतदान में अनुपस्थित रहा

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UN Human Rights Council) ने  गाजा में कथित युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए इजरायल को जवाबदेह ठहराने के लिए 5 अप्रैल को  एक संकल्प अपनाया।

भारत सहित तेरह देशों ने मतदान ने भाग नहीं लिया। भारत के साथ-साथ जॉर्जिया, जापान और नीदरलैंड भी मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे।संकल्प के पक्ष में 28 वोट पड़े जबकि विपक्ष में छह वोट पड़े। इसके ख़िलाफ़ वोट करने वाले देशों में अमेरिका और जर्मनी शामिल हैं।

इस तरह 47 सदस्यीय मानवाधिकार परिषद ने इस संकल्प को बहुमत से अपना लिया। इस संकल्प में इजरायल पर हथियार प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया गया है और कहा गया है कि सभी देशों को इजरायल को हथियारों और सैन्य उपकरणों की बिक्री और हस्तांतरण बंद कर देना चाहिए।

यह संकल्प इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की ओर से पाकिस्तान द्वारा पेश किया गया था।  

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद संयुक्त राष्ट्र महासभा के तत्वावधान में संयुक्त राष्ट्र का एक अर्ध-स्थायी निकाय (semi-permanent body) है, जिसका मिशन दुनिया भर में मानवाधिकारों को बढ़ावा देना और उनकी रक्षा करना है।

2006 में महासभा द्वारा स्थापित, यह संस्था दुनिया भर में मानवाधिकारों के प्रचार और संरक्षण को मजबूत करने के लिए जिम्मेदार है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विपरीत, मानवाधिकार परिषद के संकल्प देशों पर कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं हैं।

मानवाधिकार परिषद में किसी भी देश के पास वीटो शक्ति नहीं है।

इसकी बैठक जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNOG) में होती है।

मानवाधिकार परिषद में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 देशों के बहुमत से प्रत्यक्ष और व्यक्तिगत रूप से चुने गए 47 सदस्य देश शामिल हैं। इसके हर साल चुनाव होते हैं। 

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