iNCOVACC: भारत के पहले इंट्रा-नजल कोविड -19 वैक्सीन को मंजूरी
भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने 6 सितंबर को भारत के पहले इंट्रा-नजल कोविड -19 वैक्सीन को 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में रिस्ट्रिक्टेड आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है।
iNCOVACC नामक इस टीका का विकास भारत बायोटेक ने किया है।
यह टीका नाक से सूंघने वाली टीका है। यह टीका चीन में कैनसिनो बायोलॉजिक्स द्वारा निर्मित वैक्सीन के बाद यह दुनिया में केवल दूसरी ऐसी नजल वैक्सीन है, जिसे नियामकीय मंजूरी मिली है।
दुनिया भर में लगभग 100 म्यूकोसल (नाक और मुंह से सूंघने वाले) कोविड -19 टीके विकसित किए जा रहे हैं।
iNCOVACC एक चिंपैंजी एडेनोवायरस वेक्टरेड रीकॉम्बिनेंट नजल वैक्सीन है जिसे विशेष रूप से नाक की बूंदों के माध्यम से इंट्रा-नजल डिलीवरी की अनुमति देने के लिए तैयार किया गया है।
कंपनी ने कहा कि नजल वितरण प्रणाली को निम्न और मध्यम आय वाले देशों में लागत प्रभावी होने के लिए डिजाइन और विकसित किया गया है।
टीका 2-8 डिग्री सेल्सियस पर स्थिर है। वैक्सीन को “आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग के लिए 18+ आयु वर्ग में कोविड -19 के खिलाफ प्राथमिक टीकाकरण” के लिए अनुमोदित किया गया है।
इंट्रा-नासल कोविड -19 टीके नाक और मुंह की पतली श्लेष्मा झिल्ली में प्रतिरक्षा कोशिकाओं को सक्रिय कर सकते हैं। कोविड-19 वायरस नाक और मुंह से ही शरीर में प्रवेश करता है। इसलिए, यह टीका वायरस को अपने प्रवेश पर ही मारने और फेफड़ों और शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने से रोक सकता है।