दुनिया में पहली बार एक ऑस्ट्रेलियाई महिला के मस्तिष्क में जीवित परजीवी ‘राउंडवर्म’ पाया गया
दुनिया में पहली बार एक ऑस्ट्रेलियाई महिला के मस्तिष्क में “ओफिडास्करिस रोबर्टसी” (Ophidascaris robertsi) नामक 8 सेमी (3 इंच) का राउंडवर्म जीवित पाया गया है।
प्रमुख तथ्य
वर्ष 2022 में कैनबरा में सर्जरी के दौरान मरीज के क्षतिग्रस्त फ्रंटल लोब से राउंडवॉर्म को निकाला गया था।
ओफिडास्करिस रोबर्टसी एक राउंडवॉर्म है जो आमतौर पर कारपेट अजगरों (carpet pythons) में पाया जाता है। कैनबरा अस्पताल का मरीज इंसानों में परजीवी पाए जाने का दुनिया का पहला मामला है। रोगी एक झील क्षेत्र के पास रहती जहां कारपेट पाइथन प्राप्त होते हैं।
64 वर्षीय महिला को कई महीनों तक पेट दर्द, खांसी और रात में पसीना आने जैसे लक्षण झेलने पड़े, जो बाद में भूलने की बीमारी और अवसाद में बदल गए। माना जाता है कि उसका मामला मानव मस्तिष्क में लार्वा के आक्रमण और विकास का पहला उदाहरण है।
अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अनुसार, लोगों में तीन-चौथाई नई या उभरती संक्रामक बीमारियाँ जानवरों से आती हैं ।
राउंडवॉर्म संक्रमण (roundworm infection)
राउंडवॉर्म संक्रमण को कभी-कभी एस्कारियासिस या एस्केरिस (ascariasis) के नाम से भी जाना जाता है।
राउंडवॉर्म परजीवी होते हैं। वे जीवित रहने, भोजन करने और प्रजनन करने के लिए मानव शरीर का उपयोग करते हैं। यदि बहुत सारे अंडे निगल लिए गए हैं, या यदि कीड़े छोटी आंत से शरीर के अन्य भागों में चले जाते हैं, तो वे आंत्र रुकावट जैसी गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकते हैं।
राउंडवॉर्म तब फैलते हैं जब अंडे मानव मल में मौजूद होते हैं और दूषित मिट्टी, भोजन या पानी के संपर्क में अन्य मनुष्य में आता है।