संसदीय स्थायी समिति ने भारत को अधिक ग्रेड के कच्चे तेल आयात करने को कहा है

पेट्रोलियम मामले पर संसदीय स्थायी समिति ने इंडियन क्रूड आयल बास्केट की कीमत को कम करने के लिए अधिक ग्रेड के कच्चे तेल आयात करने की सिफारिश की है।

बता दें कि जहां वैश्विक कच्चे तेल के बाजार में लगभग 250 ग्रेड के कच्चे तेल का कारोबार होता है, वहीं भारतीय रिफाइनरियां एक साल में केवल 50 ग्रेड के कच्चा तेल ही खरीदती हैं।

इंडियन क्रूड आयल बास्केट आयात किये जाने वाले तेल के अलग-अलग ग्रेड का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान भारतीय रिफाइनरियों में प्रोसेस्ड (स्वदेशी और आयातित) कच्चे तेल के सोर क्रूड ग्रेड (ओमान और दुबई औसत) और स्वीट क्रूड ग्रेड (ब्रेंट क्रूड) शामिल हैं।

इंडियन क्रूड आयल बास्केट का उपयोग भारत में कच्चे तेल के आयात की कीमत के संकेतक के रूप में किया जाता है, और सरकार घरेलू मूल्य निर्धारित  करते समय सूचकांक का उपयोग करती है।

स्वीट (Sweet grade) और सोर क्रूड (Sour grade) शब्द कच्चे तेल में सल्फर कंटेंट की मात्रा का संकेत देते हैं। कच्चे तेल को स्वीट  माना जाता है यदि इसमें 0.5% से कम सल्फर कंटेंट होता है।

स्वीट क्रूड आयल को परिष्कृत करना आसान होता है और सोर कच्चे तेल की तुलना में इसे निकालना और परिवहन करना अधिक सुरक्षित होता है।

स्वीट क्रूड ऑयल  पूर्वी उत्तरी अमेरिका में एपलाशियन बेसिन, पश्चिमी टेक्सास, नॉर्थ डकोटा और सस्केचेवान के बक्कन फॉर्मेशन आदि में पाया जाता है।

सोर क्रूड (Sour grade) कच्चे तेल में 0.5% से अधिक सल्फर कंटेंट होता है और इसमें से कुछ हाइड्रोजन सल्फाइड के रूप में होता है। सोर क्रूड में भी अधिक कार्बन डाइऑक्साइड होता है।

ओपेक सदस्य देशों द्वारा उत्पादित कच्चा तेल अपेक्षाकृत सोर क्रूड होता है।

API ग्रेविटी भार के आधार पर कच्चे तेल को भारी और हल्के यानी हैवी एंड लाइट के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

API ग्रेविटी स्केल अमेरिकी पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट द्वारा तेल के घनत्व को मापने के लिए बनाया गया था।

API जितनी अधिक होगी, तेल उतना ही हल्का या लाइट होगा। API जितनी कम होगी, तेल उतना ही हैवी यानी भारी होगा।

हैवी आयल धीरे-धीरे वाष्पित हो जाता है और इसमें ऐसी सामग्री होती है जिसका उपयोग डामर यानी अस्फाल्ट (asphalt) जैसे भारी उत्पाद बनाने के लिए किया जाता है।

लाइट क्रूड आयल को कम प्रसंस्करण की आवश्यकता होती है और हैवी क्रूड आयल की तुलना में गैसोलीन और डीजल का अधिक प्रतिशत उत्पन्न होता है।

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