अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) कार्यकारी बोर्ड ने 50% कोटा वृद्धि को मंजूरी दी
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने कोटा बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
प्रस्ताव में सदस्यों को उनके वर्तमान कोटा के अनुपात में आवंटित 50% कोटा वृद्धि शामिल है।
प्रस्ताव पर बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा विचार और मतदान किया जाएगा, जिसके बाद इसे प्रभावी बनाया जाएगा।
IMF का बोर्ड ऑफ गवर्नर्स कम से कम हर पांच साल में जनरल कोटा रिव्यु कोटा आयोजित करता है।
आज की तारीख में, भारत का कोटा 13,114.4 SDR है जो 2.75 प्रतिशत की हिस्सेदारी दर्शाता है।
इसके आधार पर भारत के पास 1,32,063 वोट हैं, जो 2.63 प्रतिशत की हिस्सेदारी दर्शाता है। ये सभी तब बढ़ेंगे जब कोटा में वृद्धि प्रभावी की जाएगी।
कोटा बढ़ने से लाभ
कोटा वृद्धि से IMF के स्थायी संसाधनों को बढ़ाकर और उधार संसाधनों पर निर्भरता को कम करके वैश्विक वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।
IMF कोटा के बारे में
एक व्यक्तिगत सदस्य देश का कोटा मोटे तौर पर विश्व अर्थव्यवस्था में उसकी सापेक्ष स्थिति को दर्शाता है।
कोटा को IMF के यूनिट ऑफ अकाउंट, विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights: SDRs) में दर्शाया जाता है।
ये निर्धारित करते हैं कि एक सदस्य IMF को वित्तीय संसाधनों की अधिकतम मात्रा प्रदान करने के लिए बाध्य है।
IMF निर्णयों में कोटा मतदान शक्ति का एक प्रमुख निर्धारक है। सदस्यों को कोटा के प्रति SDR100,000 पर एक वोट और बुनियादी वोट मिलते हैं, जो सभी सदस्यों के लिए समान होते हैं।
कोटा यह निर्धारित करता है कि एक सदस्य जनरल एक्सेस के तहत IMF से अधिकतम कितनी ऋण राशि प्राप्त कर सकता है।
सदस्य द्वारा प्राप्त ऋण की अधिकतम राशि के अलावा ये मतदान शक्ति के प्रमुख निर्धारक भी हैं।