ईगलनेस्ट वन्यजीव अभयारण्य: वनों की कटाई से पक्षियों का ऊंचाई की ओर प्रवास

भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) बेंगलुरु के शोधकर्ताओं ने पाया है कि वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन अधिक ऊंचाई में प्राप्त होने वाले पक्षियों (montane birds) के लिए खतरा पैदा करते हैं।

प्रमुख तथ्य

रिसर्चर्स की टीम ने अपने शोध के दौरान अरुणाचल प्रदेश के ईगलनेस्ट वन्यजीव अभयारण्य (Eaglenest Wildlife Sanctuary) से डेटा एकत्र किया। यह अभयारण्य पूर्वी हिमालय के जैव विविधता हॉटस्पॉट में स्थित है और यह 500 से अधिक पक्षी प्रजातियां प्राप्त होती हैं।

शोध टीम ने पाया कि बढ़ते तापमान के कारण कई पक्षी प्रजातियां अधिक ऊंचाई की ओर प्रवास के लिए जाने लगी हैं।

कटाई वाले वनों में प्राथमिक वनों की तुलना में अधिक औसत तापमान और कम आर्द्रता होती है, जिससे पक्षी प्रजातियों का प्रवास तेज हो जाता है।

जो पक्षी आकार में छोटे होते हैं वे इन कटे हुए जंगलों में तुलनात्मक रूप से रह सकते हैं क्योंकि वे उच्च तापमान को सहन कर सकते हैं जबकि प्राथमिक जंगलों (primary forests) में बड़ी पक्षी प्रजातियों का घनत्व बढ़ रहा है।

शोध टीम ने पाया कि जंगलों की कटाई से बड़े शरीर वाली, पुरानी प्रजातियों की हानि हो सकती है और ओवरऑल बायोडायवर्सिटी में कमी आ सकती है।

कटे हुए जंगलों में पत्तों पर रहने वाले कीड़ों का घनत्व भी कम होता है, जिससे पक्षियों के लिए आहार की उपलब्धता कम हो जाती है।

चूँकि बड़ी प्रजातियों की ऊर्जा आवश्यकता अधिक होती हैं, इससे कटे हुए जंगलों में बड़ी प्रजातियों की बहुतायत कम हो जाती है।

(स्रोत: द हिंदू)

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