इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) हॉल ऑफ फेम

भारत के पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग, भारत महिला क्रिकेटर टीम की कप्तान रहीं डायना एडुल्जी और श्रीलंका के पूर्व खिलाड़ी अरविंद डी सिल्वा को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया है।

वर्तमान में आठ भारतीय क्रिकेटरों को उनकी शानदार उपलब्धियों के लिए यह प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त है। इनमें शामिल हैं: सुनील गावस्कर, बिशन सिंह बेदी, कपिल देव, अनिल कुंबले, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, वीनू मांकड़, डायना एडुल्जी और वीरेंद्र सहवाग।

डायना एडुल्जी ने 17 वर्षों तक भारत का प्रतिनिधित्व किया और आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाली पहली भारतीय महिला हैं।

एडुल्जी ने तीन आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप में भाग लिया, 1978 और 1993 में कप्तान के रूप में भारत का नेतृत्व किया, जब उन्होंने 14 विकेट लिए।

डायना एडुल्जी ने 1976 से 1993 के बीच 34 वनडे और 20 टेस्ट विकेट खेले। वो टेस्ट में 63 और वनडे में 46 विकेट लिए। वहीं टेस्ट में 404 रन और वनडे में 211 रन उनके नाम है।

वीरेंद्र सहवाग ने अक्टूबर 2015 में संन्यास लिया था। सहवाग ने टेस्ट में 8586 और वनडे में 8273 रन बनाए हैं। सर डॉन ब्रेडमैन और ब्रायन लारा के बाद सहवाग दुनिया के तीसरे ऐसे बैट्समैन हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दो बार ट्रिपल सेंचुरी बनाने का रिकॉर्ड बनाया।

टेस्ट मैच में उनके 23 और वनडे में 15 शतक हैं। सहवाग 2011 में वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य भी थे।

ICC क्रिकेट हॉल ऑफ फेम को 2 जनवरी 2009 को ICC के शताब्दी वर्ष समारोह के हिस्से के रूप में फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन (FICA) के सहयोग से लॉन्च किया गया था।

आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम क्रिकेट के लंबे और शानदार इतिहास से खेल के दिग्गजों की उपलब्धियों को सम्मानित करता है। सम्मान समारोह पूरे क्रिकेट कैलेंडर में आयोजित होते हैं जहां शामिल होने वालों (या, जिनका निधन हो चुका है, उनके रिश्तेदारों) को एक स्मारक आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम कैप प्रदान की जाती है।

आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम के जीवित सदस्य भी हर साल हॉल ऑफ फेम में नए दिग्गजों को शामिल करने की चयन प्रक्रिया में शामिल होते हैं।

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