राष्ट्रपति ने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ सेकेंडरी एग्रीकल्चर (ICAR-NISA) के शताब्दी समारोह में भाग लिया
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने 20 सितंबर, 2024 को झारखंड के रांची में ICAR-राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान (National Institute of Secondary Agriculture: NISA) के शताब्दी समारोह में भाग लिया।
शताब्दी समारोह के अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में लाख का उत्पादन मुख्य रूप से आदिवासी समुदाय द्वारा किया जाता है। यह उनकी आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्था ने लाख, प्राकृतिक रेजिन और गोंद के अनुसंधान और विकास के साथ-साथ वाणिज्यिक विकास के लिए कई कदम उठाए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि NISA ने लाख की खेती में अच्छा काम किया है। लेकिन अभी भी कई क्षेत्र हैं जिनमें आगे बढ़ सकते हैं। उदाहरण के लिए, फार्मास्यूटिकल्स और सौंदर्य प्रसाधन उद्योगों में उच्च गुणवत्ता वाले लाख की मांग है।
यदि भारतीय लाख की गुणवत्ता, आपूर्ति श्रृंखला और विपणन में सुधार किया जाए तो किसान देश-विदेश में इसकी आपूर्ति कर सकेंगे और उन्हें बेहतर मूल्य भी मिलेगा।
राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान (NISA)
ICAR-राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान (NISA) , जिसे पहले भारतीय प्राकृतिक राल और गोंद संस्थान (IINRG) और उससे भी पहले भारतीय लाख अनुसंधान संस्थान (ILRI) के नाम से जाना जाता था, झारखंड राज्य के नामकुम, रांची में स्थित है।
2022 में इसका नाम बदलकर राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान (NISA) किया गया।
यह संस्थान भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के तहत कार्य करता है।
लाख (Lac)
लाख (Lac) केरिया लैका (Kerr) नामक एक छोटे से कीट द्वारा स्रावित एक प्राकृतिक राल/रेजिनहै। यह कृषि और लघु वन उत्पादों पर निर्भर लोगों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत है।
लाख एक परजीवी है, जिसे मुख्य रूप से तीन प्रकार के पेड़ों से प्राप्त की जाती है। ये पेड़ हैं; बेर, पलाश और कुसुम (Ber, Palash, and Kusum)।
भारत में झारखंड लाख का सबसे बड़ा उत्पादक है, जो कुल उत्पादन का लगभग 54.60% योगदान देता है। झारखंड का खूंटी जिला लाख का सबसे बड़ा उत्पादक है, जो राज्य के कुल लाख उत्पादन का लगभग 29% योगदान देता है।
लाख के तीन रूप- स्टिक लैक, सीड लैक और शेलैक का उपयोग लकड़ी की फिनिशिंग, खाद्य उद्योग, सौंदर्य प्रसाधन, आभूषण और कई अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
फार्मास्यूटिकल्स और सौंदर्य प्रसाधन उद्योगों में उच्च गुणवत्ता वाले लाख की अधिक मांग है।