उच्च न्यायालय अनुच्छेद 355 को लागू करने के लिए अनुच्छेद 226 के तहत केंद्र को निर्देश नहीं जारी कर सकता-मद्रास उच्च न्यायालय

मद्रास उच्च न्यायालय ने निर्णय दिया है कि संविधान के अनुच्छेद 226 (इसके रिट क्षेत्राधिकार) के तहत एक उच्च न्यायालय के पास अनुच्छेद 355 को लागू करने के लिए केंद्र को निर्देश जारी करने की शक्ति नहीं है।

अदालत ने एक रिट याचिका को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया, जिसमें दावा किया गया था कि भीड़ द्वारा आयकर अधिकारियों पर हमले के कारण राज्य (तमिलनाडु) में संवैधानिक मशीनरी समाप्त हो गई थी।

अनुच्छेद 355

अनुच्छेद 355 भारत के संविधान के भाग XVIII में अनुच्छेद 352 से 360 तक निहित आपातकालीन प्रावधानों का एक हिस्सा है।

अनुच्छेद 355 केंद्र को राज्यों को बाहरी आक्रमण और आंतरिक अशांति से बचाने के अलावा यह सुनिश्चित करने का कर्तव्य देता है कि प्रत्येक राज्य की सरकार संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार चल रही है।

मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों ने कहा, संविधान का अनुच्छेद 355 अमेरिकी संविधान के अनुच्छेद IV(4) और ऑस्ट्रेलियाई संविधान अधिनियम की धारा 61, दोनों से प्रेरित प्रतीत होता है, जो संघीय सरकार को संवैधानिक संवैधानिक व्यवस्था को “बनाए रखने” का अधिकार देता है।

न्यायालय इस मामले में पिछले कई निर्णयों का भी हवाला दिया जिनमें एस.आर. बोम्मई केस (1994) भी शामिल है जो संविधान के अनुच्छेद 355 और 356 से संबंधित है।

बेंच ने कहा कि ‘आंतरिक अशांति’ केवल घरेलू अराजकता की भावना को संदर्भित कर सकती है, जो ‘बाहरी आक्रमण’ से सुरक्षा खतरे का रंग ले सकती है और इसके लिए बड़े पैमाने पर सार्वजनिक अव्यवस्था का मामला होना आवश्यक है जिससे प्रशासन संचालन अव्यवस्थित हो जाता है और राज्य की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है।

अनुच्छेद 226

भारत के संविधान के भाग V के तहत वर्णित, अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों को रिट जारी करने की शक्ति प्रदान करता है।

यह रिट किसी भी व्यक्ति या अथॉरिटी को बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus), परमादेश (Mandamus) , प्रतिषेध (Prohibition), उत्प्रेषण (Certiorari) या अधिकार पृच्छा (Qua Warranto) अथवा उनमें से किसी के रूप में रिट जारी करने की शक्ति प्रदान करता है।

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों को भारत के संविधान, 1949 के भाग III द्वारा गारंटीकृत किसी भी मौलिक अधिकार को लागू करने की शक्ति और क्षमता देता है।

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