संगरुर के लेहरागागा में एशिया के सबसे बड़े कंप्रेस्ड बायो गैस (CBG) संयंत्र का उद्घाटन
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप एस. पुरी ने 18 अक्टूबर को पंजाब के संगरुर के लेहरागागा में एशिया के सबसे बड़े कंप्रेस्ड बायो गैस संयंत्र (Compressed Bio Gas : CBG) का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि CBG समय की मांग है और सरकार इसके इर्द-गिर्द के इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है।
इस संयंत्र को जर्मनी की अग्रणी बायो एनर्जी कंपनियों में से एक वर्बियो एजी द्वारा 220 करोड़ रुपये (लगभग) के FDI निवेश के साथ कमीशन किया गया है।
यह संयंत्र सस्टेनेबल अल्टरनेटिव टुवर्ड्स अफोर्डेबल ट्रांसपोर्टेशन (Sustainable Alternative Towards Affordable Transportation: SATAT) स्कीम के तहत स्थापित किया गया है।
सतत स्कीम भारत सरकार द्वारा अक्टूबर, 2018 में देशभर में विभिन्न अपशिष्ट/बायोमास स्रोतों से कंप्रेस्ड बायो गैस (CBG) के उत्पादन के लिए एक इकोसिस्टम स्थापित करने के लिए लांच किया गया थ।
SATAT स्कीम का उद्देश्य किसानों की सहायता करने के द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त तथा मुक्त बनाना, भारत के घरेलू ऊर्जा उत्पादन और आत्मनिर्भरता को बढ़ाना तथा वायु प्रदूषण में कमी लाना तथा विश्व में स्वच्छ ऊर्जा ट्रांजीशन की दिशा में भारत का नेतृत्व करना शामिल है। इस संयंत्र के अतिरिक्त, सतत पहल के तहत 38 CBG/ बायो गैस संयंत्रों को कमीशन किया गया है।
संगरुर CBG संयंत्र
संगरुर स्थित CBG संयंत्र 20 एकड़ (लगभग) के क्षेत्र में फैला हुआ है। संयंत्र का वर्तमान उत्पादन लगभग 6 टीपीडी CBG है लेकिन शीघ्र ही यह संयंत्र 10,000 क्यूबिक मीटर के 8 डाइजेस्टरों का उपयोग करने के जरिये 33 टीपीडी CBG का उत्पादन करने की अधिकतम क्षमता के साथ 300 टन प्रति दिन धान की पुआल का प्रसंस्करण करेगा।
यह संयंत्र 100,000 टन धान के भूसे की खपत करेगा जिसकी खरीद संयंत्र के 10 किलोमीटर के दायरे के भीतर 6-8 सैटेलाइट स्थलों से की जाएगी।
प्रति दिन लगभग 600-650 टन FOM (फर्मेंटेड जैविक खाद) का उत्पादन होगा जिसका उपयोग जैविक खेती के लिए किया जा सकता है।
CBG संयंत्र प्रत्यक्ष रूप से 390 लोगों को तथा अप्रत्यक्ष रूप से 585 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराएगा।
संगरुर CBG संयंत्र 40,000 – 45,000 एकड़ खेतों में पराली जलाने में कमी लाएगा जिससे वार्षिक रूप से 150,000 टन कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में गिरावट आएगी जो न केवल पंजाब के संगरुर के नागरिकों को स्वच्छ वायु में सांस लेने में मदद करेगा बल्कि 2070 तक निवल शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को अर्जित करने के लिए अभी से 2030 तक एक बिलियन टन द्वारा कुल अनुमानित कार्बन डायऑक्साइड उत्सर्जन के भारत के सीओपी 26 जलवायु परिवर्तन उद्देश्यों की दिशा में भी योगदान देगा।
क्या होता है कंप्रेस्ड बायो गैस संयंत्र (Compressed Bio Gas : CBG)?
अपशिष्ट/बायो-मास स्रोत जैसे कृषि अपशिष्ट, मवेशी गोबर, गन्ना मृदा, नगरपालिका ठोस अपशिष्ट और सीवेज उपचार संयंत्र अपशिष्ट, आदि एनारोबिक अपघटन की प्रक्रिया के माध्यम से बायो-गैस का उत्पादन करते हैं।
हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S), कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), जल वाष्प को हटाने के लिए बायोगैस को शुद्ध किया जाता है और संपीड़ित बायो गैस (CBG) प्राप्त करने के लिए संपीड़ित किया जाता है, जिसमें 90% से अधिक मीथेन (CH4) कंटेंट होता है।
CBG में CNG के समान कैलोरी मान और अन्य गुण होते हैं और इसलिए इसे हरित नवीकरणीय ऑटोमोटिव ईंधन के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
इस प्रकार यह देश के भीतर प्रचुर मात्रा में बायोमास उपलब्धता को देखते हुए ऑटोमोटिव, औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों में CNG की जगह ले सकता है।