वर्मम थेरेपी (Varmam therapy) ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया

राष्ट्रीय सिद्ध संस्थान (NIS) ने एक साथ 567 व्यक्तियों को वर्मम थेरेपी प्रदान करने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है।

वर्मम थेरेपी (Varmam therapy) वास्तव में सिद्ध चिकित्सा पद्धति (Siddha system of medicine) के तहत एक यूनिक और पारंपरिक उपचार पद्धति है।

यह लंबे समय से विभिन्न बीमारियों के इलाज के इलाज के लिए प्रसिद्ध है।

यह मस्कुलोस्केलेटल दर्द, चोटों और तंत्रिका संबंधी विकारों के लिए तेजी से राहत प्रदान करने की अपनी क्षमता के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है।

वर्माकलाई (वर्मम से जुड़ा मार्शल आर्ट रूप) को अक्सर गलती से एक युद्ध तकनीक  समझा लिया जाता है, सच में यह सिद्ध चिकित्सा पद्धति में  वैज्ञानिक रूप से आधारित चिकित्सीय पद्धति है जिसका उपयोग स्ट्रोक, गठिया और ट्रामा से संबंधित चोटों जैसी क्रोनिक बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।

वर्मम दक्षिण भारत की सबसे पुरानी मार्शल आर्ट्स में से एक है, जो बाद में एक थेरेपी के रूप में विकसित हुई। युद्ध के दौरान जिस प्रेशर पॉइंट्स पर प्रहार किया जाता है उसे वर्मा आदि (वर्मम हमला) कहा जाता है।

यह निहत्थे युद्ध प्रणाली की एक कला है जिसमें नसों, शिराओं, जोड़ों और अंगों को निशाना बनाया जाता है।

वर्मम का मतलब पूरे शरीर में उन पॉइंट्स से है जहां प्राण (जीवन) ऊर्जा केंद्रित रहती है। ऐसे कई पॉइंट्स पर जब जोर से प्रहार किया जाता है तो हमारे शरीर में हानिकारक प्रभाव या परिवर्तन होते हैं।

इस तरह के परिवर्तन प्रहार के बल, विशिष्ट समय या अवधि और पीड़ित की शारीरिक शक्ति के साथ भिन्न होते हैं। साथ ही, ऐसे पॉइंट या कई अन्य पॉइंट्स पर जब चिकित्सीय रूप से हेरफेर किया जाता है तो कई बीमारियों में उपचारात्मक प्रभाव उत्पन्न होते हैं

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