वित्त मंत्रालय ने जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल (GSTAT) के संबंध में नई अधिसूचना जारी की

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल (GSTAT) की प्रधान और राज्य पीठों के गठन के संबंध में एक नई अधिसूचना जारी की है, जिसमें सर्किट और लोकेशन जोड़े गए हैं। अधिसूचना 1 सितंबर, 2023 से प्रभावी मानी जाएगी।

GSTAT की प्रधान पीठ नई दिल्ली में गठित की गई है। राज्यों में 31 पीठें, 63 न्यायिक सदस्य और केंद्र और राज्यों के लिए 33 तकनीकी सदस्य होंगे।

उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र (गोवा के साथ) में तीन-तीन बेंच होंगी, जबकि अन्य बड़े राज्य जैसे गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान और तमिलनाडु (पुडुचेरी के साथ) में दो-दो बेंच होंगी।

नई अधिसूचना में कहा गया है कि ‘सर्किट’ के रूप में दिखाए गए स्थान उस तरह से चालू होंगे जैसा राष्ट्रपति आदेश दे सकते हैं, जो संबंधित राज्यों/क्षेत्राधिकार में आपूर्तिकर्ताओं द्वारा दायर अपीलों की संख्या पर निर्भर करेगा। उदाहरण के लिए, पणजी, पुडुचेरी, आइजोल, अगरतला और कोहिमा को सर्किट के रूप में नामित किया गया है, साथ ही मुंबई, चेन्नई और कोलकाता को लोकेशंस के रूप में नामित किया गया है।

GSTAT केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के तहत स्थापित अपीलीय प्राधिकरण है। सरकार ने पहले ही सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा को GSTAT का अध्यक्ष नियुक्त किया है।  

GSTAT जीएसटी कानूनों के मामलों में द्वितीय अपील का मंच है तथा केन्द्र और राज्यों के बीच विवाद समाधान का पहला कॉमन प्लेटफार्म है।

पीड़ित पक्ष इनके फैसलों के खिलाफ उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में जा सकते हैं। सरकारी मुकदमों को कम करने के लिए, हाल ही में जीएसटी परिषद ने विभिन्न अपीलीय प्राधिकरणों के समक्ष कर विभाग द्वारा अपील दायर करने के लिए एक मौद्रिक सीमा तय की है।

इन कानूनी फ़ोरम्स  के समक्ष कर विभाग द्वारा अपील दायर करने के लिए जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के लिए 20 लाख रुपये, उच्च न्यायालय के लिए 1 करोड़ रुपये और सर्वोच्च न्यायालय के लिए 2 करोड़ रुपये की मौद्रिक सीमा तय की है।

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