दिल्ली में ग्राउंड लेवल ओजोन (O3) प्रदूषण
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, ग्राउंड लेवल ओजोन (O3) नियमित रूप से दिन की अवधि के दौरान दिल्ली के प्रमुख प्रदूषक के रूप में उभरना शुरू हो गया है, खासकर अच्छी बारिश के बाद। इस अवधि के दौरान ओजोन की उपस्थिति ने दिल्ली की हवा को “अच्छी” श्रेणी में आने से रोक दिया।
समतापमंडलीय ओजोन/ग्राउंड लेवल ओजोन
बता दें कि जोन स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए “अच्छा” या “बुरा” हो सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि यह वायुमंडल में कहाँ पाया जाता है।
समतापमंडलीय ओजोन (Stratospheric ozone) “अच्छा” माना जाता है क्योंकि यह सजीव वस्तुओं को सूर्य के पराबैंगनी विकिरण से बचाता है।
वहीं ग्राउंड-लेवल ओजोन “खराब” माना जाता है क्योंकि यह कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती है।
अच्छा ओजोन ऊपरी वायुमंडल में प्राकृतिक रूप से मौजूद होता है, जहां यह एक सुरक्षात्मक परत बनाता है जो हमें सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाती है।
दूसरी ओर क्षोभ मंडल (Tropospheric) या ग्राउंड लेवल ओजोन (Ground-level ozone) का लोगों और पर्यावरण पर के प्रभाव के कारण, इसे एक हानिकारक वायु प्रदूषक माना जाता है, और यह “धुंध” (smog) का मुख्य घटक है।
ग्राउंड लेवल ओजोन, सीधे हवा में उत्सर्जित नहीं होता है, बल्कि नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) और वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (VOC) के बीच रासायनिक प्रतिक्रियाएं द्वारा बनाया जाता है। ऐसा तब होता है जब कारों, बिजली संयंत्रों, औद्योगिक बॉयलरों, रिफाइनरियों, रासायनिक संयंत्रों और अन्य स्रोतों द्वारा उत्सर्जित प्रदूषक सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में रासायनिक रूप से प्रतिक्रिया करते हैं।
शहरी वातावरण में गर्म धूप के दिनों में ओजोन की के अस्वास्थ्यकर स्तर तक पहुंचने की आशंका रहती है, हालांकि ठंडे महीनों के दौरान यह भी उच्च स्तर तक पहुंच सकता है।
ओजोन को हवा द्वारा लंबी दूरी तक ले जाया जा सकता है, इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी उच्च ओजोन स्तर का अनुभव किया जा सकता है।