ग्रीनिंग एंड रेस्टोरेशन ऑफ वेस्टलैंड विद एग्रोफोरेस्ट्री (GROW)

नीति आयोग ने “ग्रीनिंग एंड रेस्टोरेशन ऑफ वेस्टलैंड विद एग्रोफोरेस्ट्री (Greening and Restoration of Wasteland with Agroforestry: GROW) लॉन्च की है।

इसके तहत भारत के सभी जिलों में कृषि वानिकी (Agroforestry) उपयुक्त होने का आकलन करने के लिए रिमोट सेंसिंग और GIS का उपयोग किया गया।

थीमेटिक डेटासेट का उपयोग करते हुए, राष्ट्रीय स्तर की प्राथमिकता के लिए एक कृषि वानिकी उपयुक्तता सूचकांक (Agroforestry Suitability Index: ASI) विकसित किया गया।

रिपोर्ट राज्य-वार और जिला-वार विश्लेषण प्रदान करती है, जो ग्रीनिंग और रेस्टोरेशन परियोजनाओं के लिए सरकारी विभागों और उद्योगों का समर्थन करती है।

वर्तमान में, एग्रोफोरेस्ट्री भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 8.65%, यानी लगभग 28.42 मिलियन हेक्टेयर को कवर करती है।

GROW पहल राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है, जिसका लक्ष्य 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर डेग्रेडेड (क्षरण वाली) भूमि को रिकवर करना और 2.5 से 3 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर अतिरिक्त कार्बन सिंक बनाना है।

कृषि वानिकी यानी एग्रोफोरेस्ट्री भूमि-उपयोग प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों का एक सामूहिक नाम है जहां कृषि/पशुपालन वाली जगहों (खेतों और मैदानों) में बारहमासी लकड़ी (पेड़, झाड़ियाँ, ताड़, बांस, आदि) भी लगायी जाती है.

एग्रीसिल्विकल्चरल सिस्टम फसलों और पेड़ों का एक संयोजन है, जैसे एलिली क्रॉपिंग या होमगार्डन।

सिल्वोपास्टोरल प्रणालियाँ वानिकी को चरागाहों, रेंजलैंड्स या खेत पर पालतू जानवरों की चराई से जोड़ती हैं।

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