ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस रूल्स पर बैठक

केन्द्रीय विद्युत् मंत्री श्री आर. के. सिंह ने ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस रूल्स (Green Open Access Rules) पर नयी दिल्ली में उद्योगों और अन्य संबंध पक्षों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की।

भागीदारों ने बैठक में ग्रीन ओपन एक्सेस नियमों को लेकर उनके समक्ष आने वाली कई समस्याओं को उठाया।

ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस रूल्स

सरकार ने विद्युत् (हरित उर्जा खुली पहुंच के जरिये नवीकरणीय उर्जा का संवर्धन) नियम 2022 को 06 जून 2022 को अधिसूचित किया था। ये नियम सभी के लिये किफायती, निरंतर, सस्टेनेबल और ग्रीन एनर्जी उद्देश्य के साथ भारत के महत्वकांक्षी नवीकरणीय उर्जा कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिये बनाये गये हैं।

ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस से आम उपभोक्ताओं को होने वाले फायदे और उनकी मुख्य विशेषतायें इस प्रकार हैः-

ये नियम अपशिष्ट से उर्जा संयंत्रों सहित हरित उर्जा उत्पादन, खरीद और खपत को बढ़ावा देने के लिये अधिसूचित किये गये हैं।

ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस की अनुमति सभी उपभोक्ताओं के लिये है। इसके तहत लेनदेन सीमा को एक मेगावाट से घटाकर 100 किलोवाट कर दिया गया है ताकि छोटे उपभोक्ता भी ओपन एक्सेस सुविधा के तहत नवीकरणीय उर्जा की खरीद-फरोख्त कर सकें।

उपभोक्ता वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) से ग्रीन एनर्जी आपूर्ति की मांग कर सकते हैं। वितरण कंपनियां हरित उर्जा की खरीद कर उसे पात्र उपभोक्ता को आपूर्ति करने के लिए बाध्य होंगी।

वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को स्वैच्छिक आधार पर हरित बिजली खरीदने की अनुमति दी गई है।

हरित उर्जा खुली पहुंच उपभोक्ताओं को खुली पहुंच शुल्क के मामले में सुनिश्चितता दी गई है। इसमें पारेषण शुल्क, व्हीलिंग चार्जेज, क्रास सब्सिडी अधिभार, जहां लागू होंगे स्टैण्डबाई चार्ज, बैंकिंग शुल्क और अन्य फीस, इसके अलावा लोड डिस्पैच सेंटर फीस, और समय सारिणी शुल्क आयोग के संबंधित नियमन के मुताबिक परिवर्तन निपटान शुल्क आदि इसमें शामिल हैं। उपभोक्ता यदि हरित उर्जा उपभोग करते हैं तो उन्हें हरित प्रमाणपत्र दिया जायेगा और सम्मानित भी किया जायेगा।

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