सरकार ने भारतीय कंपनियों को IFSC के माध्यम से विदेशी एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने की अनुमति दी है

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 28 जुलाई को कहा कि भारत की कंपनियां गुजरात में इंटरनेशनल फाइनेंशियल टेक (गिफ्ट) सिटी में इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर (IFSC) में सीधे विदेशी एक्सचेंज में अपने शेयर सूचीबद्ध कर सकती हैं।

इस कदम से घरेलू कंपनियों को विदेशी फंड तक पहुंच मिलेगी।

यह कदम उद्योग जगत की इस मांग के बीच आया है कि भारतीय कंपनियों को सीधे विदेश में सूचीबद्ध होने की अनुमति दी जाए।

गौरतलब है कि मई 2020 में, सरकार ने भारतीय पब्लिक कंपनियों को विदेशों में अपनी सिक्युरिटीज की सीधी लिस्टिंग की अनुमति दी थी, लेकिन लगभग तीन वर्षों तक इस कदम को आगे बढ़ाने के लिए कोई कानून या फ्रेमवर्क तैयार नहीं की गई थी।

प्रारंभ में, कंपनियों को GIFT सिटी, अहमदाबाद में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र में सूचीबद्ध होने की अनुमति दी जाएगी, और बाद में, कंपनियां आठ से नौ निर्धारित विदेशी न्यायिक क्षेत्रों में से किसी में भी सूचीबद्ध हो सकती हैं।

वर्तमान में, देश में स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियांअमेरिकी डिपॉजिटरी रिसीप्ट (ADR) और ग्लोबल डिपॉजिटरी रसीद (GDRs) के माध्यम से विदेशी एक्सचेंज में सूचीबद्ध होती हैं। इंफोसिस और विप्रो जैसी कंपनियां इनमें शामिल हैं।

मेकमाईट्रिप जैसी कुछ कंपनियों ने विदेशों में नैस्डैक जैसे एक्सचेंजों में सूचीबद्ध होने का विकल्प चुना है।

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