सरकार ने चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 को ERSS-112 के साथ जोड़ने का निर्णय लिया

एक राष्ट्र एक हेल्पलाइन की व्यापक सोच के एक हिस्से के तहत केंद्रीय महिला और विकास मंत्रालय ने महिला हेल्पलाइन और चाइल्ड हेल्पलाइन (1098) को गृह मंत्रालय की ERSS-112 (इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम) के साथ जोड़ने का निर्णय लिया है।

किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 2(25) के तहत चाइल्डलाइन सेवाओं को संकट में बच्चों के लिए चौबीसों घंटे की आपातकालीन पहुंच सेवा के रूप में परिभाषित किया गया है।

यह उन्हें आपातकालीन या दीर्घकालिक देखभाल और पुनर्वास सेवा से जोड़ती है। इस सेवा का उपयोग चार अंकों के टोल फ्री नंबर (1098) डायल करके संकट में फंसा हुआ कोई भी बच्चा या उनकी ओर से कोई वयस्क कर सकता है।

किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण)- अधिनियम 2015, जिसे 2021 में संशोधित किया गया है, के तहत सेवा वितरण संरचनाओं को मजबूत करने से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सहयोग से संचालित चाइल्ड हेल्पलाइन प्रणाली पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

मंत्रालय ने चाइल्ड हेल्पलाइन-1098 के स्वचालन और ERSS-112 के साथ इसके एकीकरण की जिम्मेदारी टोटल सॉल्यूशन प्रोवाइडर (TSP) के रूप में केरल स्थित सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC) को सौंपी है।

1098 पर इनकमिंग कॉल को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाएगा- आपातकालीन कॉल, गैर-आपातकालीन कॉल और सूचना कॉल। सभी आपातकालीन कॉलों को 1098 से 112 या इसके उलट एक बटन के जरिए अग्रेषित किया जा सकता है।

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