मूल्य समर्थन योजना ( PSS) के तहत अरहर, उड़द और मसूर की खरीद की सीमा हटाई

दालों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने 2023-24 के लिए मूल्य समर्थन योजना (Price Support Scheme: PSS) के तहत अरहर (तुअर), उड़द और मसूर पर लगी 40 प्रतिशत की खरीद सीमा को हटा दिया है।

सरकार द्वारा लाभकारी कीमतों पर इन दालों की सुनिश्चित खरीद से किसानों को उत्पादन बढ़ाने के लिए आगामी खरीफ और रबी बुवाई के मौसम में अरहर, उड़द और मसूर के बुवाई क्षेत्र को बढ़ाने के लिए प्रेरित करने में मदद मिलेगी।

सरकार ने 2 जून, 2023 को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 को लागू करते हुए अरहर और उड़द पर स्टॉक सीमा लगा दी थी ताकि जमाखोरी और अनैतिक व्यापार गतिविधियों को रोका जा सके तथा इस तरह उपभोक्ताओं को राहत दी जा सके।

प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान’ (पीएम-आशा/PM-AASHA)

2018 के केंद्रीय बजट में किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक नई अम्ब्रेला योजना “प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान’ (पीएम-आशा/PM-AASHA) की घोषणा की गई थी।

अम्ब्रेला योजना में किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने का तंत्र शामिल है और इसमें मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस), मूल्य कमी भुगतान योजना (Price Deficiency Payment Scheme: PDPS), निजी खरीद और स्टॉकिस्ट योजना का पायलट (Pilot of Private Procurement & Stockist Scheme (PPPS) शामिल है।

मूल्य समर्थन योजना ( PSS) में, राज्य सरकारों की सक्रिय भूमिका के साथ केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा दलहन, तिलहन और कोपरा की भौतिक खरीद की जाती है।

यह भी निर्णय लिया गया है कि नेफेड के अलावा, भारतीय खाद्य सहयोग (एफसीआई) राज्यों/जिलों में पीएसएस संचालन करेगा।

खरीद व्यय और खरीद के कारण होने वाले नुकसान को केंद्र सरकार द्वारा मानदंडों के अनुसार वहन किया जाएगा।

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