विदेशों में वन स्टॉप सेंटर
सरकार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि उसने विदेशों में संकटग्रस्त भारतीय महिलाओं की सहायता के लिए 9 वन स्टॉप सेंटर (One Stop Centres) के प्रस्तावों को मंजूरी दी है।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने लोकसभा में लिखित उत्तर में रेखांकित किया कि इनमें बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, यूएई और सऊदी अरब (जेद्दा और रियाद) में आश्रय गृहों वाले 7 वन स्टॉप सेंटर और टोरंटो और सिंगापुर में बिना आश्रय गृहों वाले 2 वन स्टॉप सेंटर शामिल हैं।
सुश्री ठाकुर ने इस बात पर जोर दिया कि विदेश मंत्रालय ने अब उपर्युक्त 9 मिशनों के लिए बजट लाइन खोल दी है।
वन स्टॉप सेंटर
मिशन शक्ति दिशा-निर्देश 01.04.2022 से प्रभावी हैं, ताकि जीवन चक्र निरंतरता के आधार पर महिलाओं की जरूरतों को पूरा किया जा सके।
मिशन शक्ति की दो उप-योजनाएँ हैं – ‘संबल’ और ‘सामर्थ्य’। जहाँ “संबल” उप-योजना महिलाओं की सुरक्षा के लिए है, वहीं “सामर्थ्य” उप-योजना का उद्देश्य महिलाओं का सशक्तिकरण है।
‘संबल’ उप-योजना में वन स्टॉप सेंटर (OSC) के घटक शामिल हैं और ‘सामर्थ्य’ उप-योजना में शक्ति सदन (SS) के घटक शामिल हैं।
वन स्टॉप सेंटर (OSC) की परिकल्पना हिंसा से प्रभावित और संकटग्रस्त महिलाओं को एक ही छत के नीचे निजी और सार्वजनिक दोनों जगहों पर सहायता और सहयोग प्रदान करने के लिए की गई है।
वन स्टॉप सेंटर जरूरतमंद महिलाओं को चिकित्सा सहायता, कानूनी सहायता और सलाह, अस्थायी आश्रय (अधिकतम 5 दिनों के लिए), पुलिस सहायता, मनोवैज्ञानिक-सामाजिक परामर्श जैसी कई सेवाएं प्रदान करते हैं।