ग्लोबल प्लास्टिक एक्शन पार्टनरशिप (GPAP)

ग्लोबल प्लास्टिक एक्शन पार्टनरशिप (GPAP), जिसे विश्व आर्थिक मंच (WEF) द्वारा शुरू किया गया था, हाल ही में 25 देशों को शामिल करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इन देशों की संयुक्त जनसंख्या 1.5 अरब से अधिक है, और यह विस्तार प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या को हल करने के लिए वैश्विक प्रयासों को दर्शाता है।

सात नए देश — अंगोला, बांग्लादेश, गैबॉन, ग्वाटेमाला, केन्या, सेनेगल और तंजानिया — इस पहल में शामिल हुए हैं। GPAP का उद्देश्य एक सर्कुलर प्लास्टिक्स इकॉनमी का निर्माण करना है, जहाँ प्लास्टिक को पुनः उपयोग, पुनर्चक्रित और अधिक सस्टेनेबल तरीके से प्रबंधित किया जा सके। यह अप्रोच प्लास्टिक कचरे के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने का प्रयास करती है।

प्लास्टिक कचरे  पारिस्थितिक तंत्र को बाधित कर रहा है, जैव विविधता को नुकसान पहुँचा रहा है, और मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर रहा है।

गौरतलब है कि हर साल, छह मिलियन टन प्लास्टिक कचरा महासागरों में पहुँचता है, और उससे कहीं अधिक जमीन को प्रदूषित करता है।

GPAP का लक्ष्य प्लास्टिक कचरे के रिसाव को रोकना और सस्टेनेबल सामग्रियों का उपयोग बढ़ाना  है। इस पहल को सितंबर 2018 में विश्व आर्थिक मंच के सतत विकास प्रभाव शिखर सम्मेलन (Sustainable Development Impact Summit) के दौरान आधिकारिक रूप से लॉन्च किया गया था।

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