सेवाओं में व्यापार पर सामान्य समझौता (GATS)
सेवाओं में व्यापार पर सामान्य समझौता (General Agreement on Trade in Services: GATS) विश्व व्यापार संगठन (WTO) की एक संधि है जो 1995 में लागू हुई।
इसका उद्देश्य सेवा बाज़ारों का प्रगतिशील उदारीकरण की सुविधा के लिए सेवाओं में व्यापार के लिए अंतरराष्ट्रीय नियमों की एक विश्वसनीय और पूर्वानुमानित सिस्टम बनाना है।
WTO के सभी सदस्य GATS के पक्षकार हैं। भारत भी सदस्य होने के नाते इस संधि का पक्षकार यानी पार्टी है।
GATS के मूल सिद्धांत, सैद्धांतिक रूप से, सभी सेवा क्षेत्रों पर लागू होते हैं। हालांकि इसके दो अपवाद हैं: सरकारी प्राधिकार के प्रयोग में गैर-व्यावसायिक आधार पर प्रदान की जाने वाली सेवाएँ, जैसे सामाजिक सुरक्षा योजना, सार्वजनिक स्वास्थ्य, शिक्षा; तथा हवाई परिवहन से संबंधित सेवाएँ।
GATS सरकार के सभी स्तरों (केंद्रीय, क्षेत्रीय, स्थानीय, आदि) द्वारा प्राप्त सभी सेवाओं पर भी लागू होता है। सरकारें यह निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं कि वे वास्तव में किन सेवा क्षेत्रों को उदार बनाती हैं।
मोस्ट-फ़ेवर्ड-नेशन ट्रीटमेंट (MFN) यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक हस्ताक्षरकर्ता देश विशिष्ट प्रतिबद्धताओं की अनुसूची में उल्लिखित शर्तों और सीमाओं के तहत सभी सदस्य देश की सेवाओं और सेवा आपूर्तिकर्ताओं के साथ समान व्यवहार करे, अर्थात यह किसी को अधिक तरजीह देने का विरोध करता है।