राइट टू डिस्कनेक्ट
ऑस्ट्रेलियाई सरकार “राइट टू डिस्कनेक्ट” (Right to Disconnect) देने के लिए विधेयक पारित कराने का प्रयास कर रही है। यह विधेयक इस बात को निर्धारित करेगा कि क्या ऑफिस का बॉस कॉल, संदेश या ई-मेल के माध्यम से ऑफिस टाइम के बाद अपने वर्कर से संपर्क कर सकते हैं।
बिल के अनुसार, कोई कर्मचारी अपने काम के घंटों या ऑफिस टाइम के बाद किसी एम्प्लायर से कांटेक्ट में बने रहने, रेस्पॉन्ड देने या कांटेक्ट करने का प्रयास करने से इनकार कर सकता है, जब तक कि ऐसा करना बहुत जरुरी नहीं हो ।
बता दें कि इसी तरह के कानून फ्रांस, इटली और बेल्जियम में भी लागू हैं। फ्रांस पहला देश था जिसने 2017 में कर्मचारियों को ‘राइट टू डिस्कनेक्ट’ दिया था।
‘राइट टू डिस्कनेक्ट’ कांसेप्ट इस विचार से उपजी है कि मॉडर्न टेक्नोलॉजीज वर्क लाइफ और पर्सनल लाइफ के बीच की सीमाओं को धुंधला कर रही है।
रिमोट वर्किंग की क्षमता के साथ, कर्मचारी अक्सर खुद को तय ऑफिस टाइम के बाद भी ऑफिस के कार्य हेतु कम्युनिकेशन में व्यस्त पाते हैं। कोविड महामारी के कारण इस ट्रेंड में और अधिक बढ़ोतरी हुई है।
इस ट्रेंड की वजह से वर्कर्स में बढ़ते तनाव और थकान ने चिंता पैदा कर दी है। इसने कई देशों को “राइट टू डिस्कनेक्ट” की रक्षा के लिए कानून बनाने पर सोचने के लिए मजबूर किया है।