पांच नए वेटलैंड्स के शामिल होने के साथ भारत में रामसर साइट्स की संख्या 80 हुई

रामसर कन्वेंशन (Ramsar Convention) के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्व की वेटलैंड्स की वैश्विक सूची में पांच और भारतीय आर्द्रभूमियों (Indian wetlands) को जोड़ा गया है। इनमें दो वेटलैंट तमिलनाडु के और तीन कर्नाटक के हैं।

इससे देश में ऐसे मान्यता प्राप्त जल-जमाव वाले इकोसिस्टम (रामसर स्थल) की कुल संख्या 80 हो गई है।

रामसर साइट में शामिल किए गए पांच नए वेटलैंड में अंकसमुद्र पक्षी संरक्षण रिजर्व, अघनाशिनी एस्चुएरी और मगदी केरे संरक्षण रिजर्व कर्नाटक में स्थित हैं, जबकि कराईवेट्टी पक्षी अभयारण्य और लॉन्गवुड शोला रिजर्व वन तमिलनाडु में हैं।

इन पाँच वेटलैंड्स को अंतर्राष्ट्रीय महत्व की वेटलैंड की सूची में शामिल करने के साथ, रामसर साइट्स के अंतर्गत आने वाला कुल क्षेत्र अब 1.33 मिलियन हेक्टेयर है, जो मौजूदा क्षेत्र (1.327 मिलियन हेक्टेयर में से) से 5,523.87 हेक्टेयर की वृद्धि है।

तमिलनाडु में सबसे अधिक रामसर वेटलैंड साइट्स (16 साइट्स) हैं जबकि दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश )10 साइट्स) है।

कर्नाटक में स्थित अंकसमुद्र पक्षी कंजर्वेशन रिजर्व (Ankasamudra Bird Conservation Reserve ) मानव निर्मित ग्रामीण सिंचाई टैंक है जिसे सदियों पहले बनाया गया था और यह अंकसमुद्र गांव से सटे 98.76 हेक्टेयर (244.04 एकड़) क्षेत्र में फैला हुआ है।

4801 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला कर्नाटक की अघनाशिनी एस्चुएरी (Aghanashini Estuary), अघनाशिनी नदी और अरब सागर के संगम पर बना है। यह जलीय कृषि, एस्चुएरी के चावल के खेतों में पारंपरिक मछली पालन (स्थानीय रूप से गजनी राइस फील्ड्स) के लिए जाना जाता है।

कर्नाटक में स्थित मगदी केरे कंजर्वेशन रिजर्व (Magadi Kere Conservation Reserve), लगभग 50 हेक्टेयर क्षेत्रफल वाली एक मानव निर्मित वेटलैंड है जिसका निर्माण सिंचाई के लिए वर्षा जल को संग्रहित करने के लिए किया गया था। 

453.72 हेक्टेयर में फैला कराईवेट्टी पक्षी अभयारण्य (Karaivetti Bird Sanctuary) तमिलनाडु के सबसे बड़े अंतर्देशीय वेटलैंड्स में से एक है, और क्षेत्र के लिए भूजल पुनर्भरण का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

लॉन्गवुड शोला रिजर्व फॉरेस्ट (Longwood Shola Reserve Forest) का नाम तमिल शब्द “सोलाई” से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘उष्णकटिबंधीय वर्षा वन’। ‘शोला’ तमिलनाडु में नीलगिरि, अनामलाई, पलनी पहाड़ियों, कालाकाडु, मुंडनथुराई और कन्याकुमारी के ऊपरी इलाकों में पाए जाते हैं।

भारत 1971 में ईरान के रामसर (कैस्पियन सागर में) में हस्ताक्षरित रामसर कन्वेंशन के अनुबंध पक्षों में से एक है।

2 फरवरी 1971 को वेटलैंड पर इस अंतर्राष्ट्रीय समझौते को अपनाने के उपलक्ष्य में हर साल 2 फ़रवरी को विश्व वेटलैंड दिवस (World Wetlands Day) दुनिया भर में मनाया जाता है।

भारत ने इस कन्वेंशन की पुष्टि 1 फरवरी 1982 को की थी।

वर्ल्ड वेटलैंड डे-2024 की थीम ‘वेटलैंड्स एंड ह्यूमन वेलबीइंग’ है जो हमारे जीवन को बेहतर बनाने में वेटलैंड्स की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।

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