पहला विश्व स्लोथ भालू दिवस 12 अक्टूबर को मनाया गया
पहला विश्व स्लोथ भालू दिवस (World Sloth Bear Day) 12 अक्टूबर, 2022 को मनाया गया। यह दिन भारतीय उपमहाद्वीप की एंडेमिक अद्वितीय भालू प्रजाति के प्रति जागरूकता पैदा करने और संरक्षण प्रयासों को मजबूत करने के लिए मनाया गया।
विश्व स्लोथ भालू दिवस मनाने का प्रस्ताव वन्यजीव SoS इंडिया द्वारा रखा गया था, जो दो दशकों से अधिक समय से स्लोथ भालू के संरक्षण में शामिल एक संगठन है। बाद में IUCN-प्रजाति जीवन रक्षा आयोग स्लोथ भालू विशेषज्ञ टीम ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और 12 अक्टूबर के दिन को दुनिया भर में मनाया जाने की घोषणा की।
स्लोथ भालू (Sloth Bear) के बारे में
स्लोथ भालू (Melursus ursinus) को IUCN रेड लिस्ट में “वल्नरेबल” के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
स्लोथ भालू भारतीय उपमहाद्वीप की एंडेमिक प्रजाति है और इसकी 90% आबादी भारत में पाई जाती है।
यह भारत के (वन्यजीव संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची I के तहत सूचीबद्ध है अर्थात इसे बाघों, गैंडों और हाथियों के समान संरक्षण प्राप्त है।
लंबे समय तक, स्लोथ भालू का नृत्य भालू के रूप में शोषण किया जाता था। हालाँकि इस प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, फिर भी कुछ मामले अभी भी देखे जातेहैं।
पिछले कुछ वर्षों में गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में मानव-स्लोथ भालू के बीच संघर्ष की घटनाओं में वृद्धि हुई है।