अरुणाचली याक चुरपी को मिला GI टैग
याक के दूध से बने प्राकृतिक रूप से किण्वित दूध उत्पाद याक चुरपी (Yak Churpi) को अरुणाचल प्रदेश के भौगोलिक संकेतक (Geographical Indication: GI) के रूप में मान्यता दी गई है।
ICAR-राष्ट्रीय याक अनुसंधान केंद्र, दिरांग ने इस यूनिक याक उत्पाद के GI पंजीकरण के लिए आवेदन किया था।
चुरपी अरुणाचली याक के दूध से तैयार की जाती है, जो अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग और तवांग जिलों में पाई जाने वाली एक अनोखी याक नस्ल है।
चुरपी प्रोटीन का एक उत्कृष्ट स्रोत है और राज्य के वनस्पति-विहीन ठंडे और पहाड़ी क्षेत्रों में आदिवासी याक चरवाहों द्वारा सब्जियों के विकल्प के रूप में अक्सर इसका उपभोग किया जाता है। इसे सब्जी या मांस करी में भी मिलाया जाता है और आदिवासी घरों में मुख्य भोजन के रूप में चावल के साथ खाया जाता है।
सरकार का कहना है कि इसे अरुणाचल प्रदेश की मूर्त सांस्कृतिक और जनजातीय विरासत का एक अभिन्न अंग माना जाता है।
अरुणाचली याक नस्ल का पालन आदिवासी याक चरवाहों द्वारा किया जाता है, जिन्हें ब्रोकपास (Brokpas) के नाम से जाना जाता है, जो गर्मियों के दौरान अपने याक के साथ ऊंचे स्थानों (10,000 फीट और उससे अधिक की ऊंचाई पर) की ओर पलायन करते हैं और सर्दियों के दौरान मध्य ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों में चले जाते हैं।
चूंकि उत्पाद इतनी ऊंचाई पर तैयार किया जाता है, इसलिए इससे जनजातीय चरवाहों को समृद्ध पोषण प्रदान करने के अलावा ठंड और हाइपोक्सिया को सहन करने में भी मदद करती है।