DengiAll-भारत की पहली स्वदेशी डेंगू वैक्सीन के फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल का शुभारंभ
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और पैनेसिया बायोटेक ने भारत की पहली स्वदेशी डेंगू वैक्सीन (Dengue Vaccine) के लिए फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल का शुभारंभ किया है।
यह ट्रायल पैनेसिया बायोटेक द्वारा विकसित भारत के स्वदेशी टेट्रावैलेंट डेंगू वैक्सीन, डेंगीऑल (DengiAll) के प्रभाव का मूल्यांकन करेगा। बता दें कि भारत में डेंगू के खिलाफ कोई एंटीवायरल उपचार या लाइसेंस प्राप्त टीका नहीं है।
डेंगू के सभी चार सीरोटाइप के लिए एक प्रभावी वैक्सीन का विकास जटिल है। भारत में, डेंगू वायरस के सभी चार सीरोटाइप कई क्षेत्रों में संक्रमण फैला सकते हैं।
टेट्रावैलेंट डेंगू वैक्सीन स्ट्रेन (TV003/TV005) को मूल रूप से अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ द्वारा विकसित किया गया था। इसने विश्व में प्रीक्लिनिकल और क्लिनिकल परीक्षणों में आशाजनक परिणाम प्रदर्शित किए हैं।
पैनेसिया बायोटेक, इस स्ट्रेन प्राप्त करने वाली तीन भारतीय कंपनियों में से एक है, जो विकास के सबसे एडवांस्ड चरण में है।
डेंगू
डेंगू, भारत में पब्लिक हेल्थ के लिए प्रमुख चिंता का विषय है। इस बीमारी से सर्वाधिक प्रभावित 30 देशों में भारत भी शामिल है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पिछले दो दशकों में डेंगू के वैश्विक मामलों में लगातार वृद्धि हुई है, 2023 के अंत तक 129 से अधिक देशों में डेंगू वायरल बीमारी की रिपोर्ट की गई है।
भारत में, लगभग 75-80 प्रतिशत संक्रमण लक्षणहीन होते हैं, फिर भी ये व्यक्ति एडीज मच्छरों के काटने से संक्रमण फैला सकते हैं।
डेंगू वायरस के चार सीरोटाइप हैं, 1-4, जिनमें एक-दूसरे के खिलाफ कम क्रॉस-प्रोटेक्शन होता है, जिसका अर्थ है कि व्यक्ति बार-बार संक्रमित हो सकता है।