अंटार्कटिक क्षेत्र में एवियन इन्फ्लुएंजा के पहले संक्रमण की पुष्टि

वैज्ञानिकों ने पहली बार अंटार्कटिक क्षेत्र में एवियन फ्लू (avian flu) के संक्रमण का पता लगाया है। इससे इस सुदूर क्षेत्र में रहने वाली पेंगुइन और सील की आबादी के लिए खतरा बढ़ गया है।

हाइली पैथोजेनिक एवियन इन्फ्लुएंस (HPAI)

ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे (BAS) के शोधकर्ताओं द्वारा प्रकाशित रिसर्च में  हाइली पैथोजेनिक एवियन इन्फ्लुएंस (Highly Pathogenic Avian Influence: HPAI) की उपस्थिति की पुष्टि की गई है।

HPAI को दक्षिण जॉर्जिया के बर्ड आइलैंड पर ब्राउन स्कुआ/brown skua (एक शिकारी समुद्री पक्षी) की आबादी में पाया गया। अंटार्कटिक क्षेत्र में किसी पक्षी में HPAI के संक्रमण का यह पहला ज्ञात मामला है।

यूरोप, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका में देखे गए ट्रेंड के आधार पर, वैज्ञानिकों को डर है कि HPAI से अंटार्कटिक क्षेत्र में रहने वाले वल्नरेबल नाजु वन्यजीवों की ब्रीडिंग आबादी में गिरावट आ सकती है।

वायरल बीमारी HPAI  या एवियन इन्फ्लूएंजा, विशेष रूप से  H5 और H7 स्ट्रेन, पक्षियों को ज्यादातर संक्रमित करते हैं। ये स्ट्रेन अत्यधिक रोगजनक हैं और घरेलू स्तर पर पाली जाने वाली मुर्गियों  में पाए गए हैं। इसके  परिणामस्वरूप यदि वे जंगली पक्षियों की आबादी तक पहुंचने में कामयाब होते हैं तो उच्च मृत्यु दर दर्ज की है।

यह ज्ञात है कि यह वायरस  संक्रमित पक्षियों को खाने वाले शिकारियों और मुर्दाखोरों के कारण पक्षियों और स्तनधारियों में फैलता है।

हाल के मामलों में समुद्री स्तनधारी भी इस वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। HPAI H5N1 का मौजूदा प्रकोप पहली बार 2022 में रिपोर्ट किया गया था।

वैज्ञानिकों ने रिपोर्ट में कहा कि जुलाई 2022 में, उत्तरी गोलार्ध के वन्यजीव, विशेष रूप से समुद्री पक्षियों में प्रकोप की सूचना मिली थी। इससे यह आशंका बढ़ गई कि यह महामारी दक्षिणी महासागर के समुद्री पक्षियों की आबादी में भी फैल सकती है।

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