सार्वजनिक क्षेत्र के चार केंद्रीय उपक्रमों (CPSE) को नवरत्न का दर्जा
केंद्रीय वित्त मंत्री ने 30 अगस्त को सार्वजनिक क्षेत्र के चार केंद्रीय उपक्रमों (CPSE) को नवरत्न का दर्जा (Navratna status) देने की मंजूरी दी। ये CPSE हैं; रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, सतलुज जल विद्युत निगम और नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन।
इससे भारत में नवरत्न CPSE की कुल संख्या 25 हो गई है।
सरकार ने तुलनात्मक लाभ वाले CPSE की पहचान करने और वैश्विक कम्पनी बनने के उनके अभियान में उनका समर्थन करने के लिए 1997 में नवरत्न योजना शुरू की थी।
नवरत्न का दर्जा देने के मानदंड है: CPSE जो मिनिरत्न I अनुसूची ‘A’ में शामिल हैं, जिन्होंने पिछले पांच वर्षों में से तीन में ‘उत्कृष्ट’ या ‘बहुत अच्छा’ एमओयू रेटिंग प्राप्त की है, छह चयनित प्रदर्शन संकेतकों में 60 या उससे अधिक का समग्र स्कोर हासिल किये हो।
नवरत्न का दर्जा CPSE को वित्तीय और परिचालन मामलों में स्वायत्तता प्राप्त होती है। इस योजना के तहत, नवरत्न CPSE के बोर्ड को (i) पूंजीगत व्यय, (ii) संयुक्त उद्यमों / सहायक कंपनियों में निवेश, (iii) विलय और अधिग्रहण, (iv) मानव संसाधन प्रबंधन, आदि में अधिक स्वायत्तता सौंपी जाती है।